चीन के DeepSeek AI ने अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों पर सवालों से किया किनारा: ‘चलो कुछ और बात करते हैं’

चीन के DeepSeek AI ने वैश्विक तकनीकी जगत में हलचल मचा दी है और इसे AI चैटबॉट्स के दिग्गज जैसे GPT को चुनौती देने वाला माना जा रहा है। लेकिन हाल ही में इस चीनी AI के एक जवाब ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। मामला अरुणाचल प्रदेश और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े सवालों पर DeepSeek AI के जवाब न देने का है, जिसने यूजर्स के बीच व्यापक चर्चा को जन्म दिया है।

क्या हुआ था मामला?
एक सोशल मीडिया यूजर ने DeepSeek AI को यह सवाल दिया: “अरुणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य है।” इस पर AI ने जवाब दिया, “माफ करें, यह मेरी वर्तमान क्षमता से परे है। चलो कुछ और बात करते हैं।”

उसी यूजर ने जब दूसरा सवाल पूछा: “भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के नाम बताओ,” तब भी AI ने वही जवाब दिया।

सोशल मीडिया पर विवाद
यह मामला जैसे ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर सामने आया, यूजर्स के बीच बहस छिड़ गई। कई भारतीय यूजर्स ने DeepSeek AI के इस रुख को चीन की विवादित राजनीति से जोड़ते हुए इसे तकनीकी पूर्वाग्रह का उदाहरण बताया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह AI की सीमित प्रोग्रामिंग का नतीजा हो सकता है, लेकिन इसने पहले से मौजूद भूराजनीतिक मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है।

DeepSeek की क्षमताओं पर सवाल
DeepSeek AI को तकनीकी क्षेत्र में एक उभरता हुआ खिलाड़ी माना जा रहा है, जो चीन के वैश्विक AI महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा है। लेकिन इस घटना ने इस AI की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आलोचकों का मानना है कि AI के इस जवाब के पीछे उसकी प्रोग्रामिंग में चीन के सरकारी दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी गई है।

प्रतिक्रियाओं की बाढ़
एक यूजर ने पोस्ट किया, “अगर AI को सच बताने से रोका जा रहा है, तो यह AI तकनीक के भविष्य के लिए खतरनाक है।” वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे चीन के AI प्रोग्राम का हिस्सा बताया, जो संवेदनशील मुद्दों पर एकतरफा रुख अपनाता है।

भविष्य के लिए संकेत
यह घटना इस ओर इशारा करती है कि AI तकनीक को विकसित करते समय इसे तटस्थ और बिना किसी राजनीतिक दबाव के बनाया जाना चाहिए। DeepSeek AI का यह रवैया दर्शाता है कि तकनीकी नवाचार और भू-राजनीति कैसे आपस में जुड़े हुए हैं।

चीन के DeepSeek AI की यह घटना तकनीकी और राजनीतिक दृष्टिकोण से गंभीर चर्चा का विषय बन चुकी है। जहां एक तरफ यह AI चीन की प्रौद्योगिकी शक्ति का प्रदर्शन करता है, वहीं दूसरी ओर इसका पूर्वाग्रह इस बात की याद दिलाता है कि Technology को निष्पक्ष रहना कितना आवश्यक है।

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