Mahakumbh 2025 Samapan: महा कुंभ 2025 का समापन बुधवार को हो चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब अभी भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम की ओर उमड़ रहा है। शुक्रवार सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्तजन संगम तट पर स्नान कर रहे हैं, जिनमें से कई वे हैं जो 45-दिवसीय महापर्व के दौरान पवित्र डुबकी नहीं लगा पाए थे।
मेला क्षेत्र में यातायात प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद, विभिन्न राज्यों से आए लोग सीधे अपने वाहनों से घाटों तक पहुंच रहे हैं। बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और स्थानीय प्रयागराज के निवासियों सहित कई श्रद्धालु शुक्रवार तड़के से ही स्नान कर रहे हैं। सुबह 5 बजे तक घाटों पर ऊर्जा और उत्साह का माहौल बना रहा, जहां मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती की गूंज सुनाई दे रही थी।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
बसंत पंचमी के अवसर पर, संगम तट पर नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। इस दौरान, नागा साधुओं ने अपने पारंपरिक शस्त्र कौशल और नृत्य के माध्यम से अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन किया। उनकी विशिष्ट वेशभूषा, आभूषणों और जटाओं में फूलों की सजावट ने महाकुंभ की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया। श्रद्धालुओं ने नागा साधुओं की गतिविधियों को अपने कैमरों में कैद किया, जिससे माहौल और भी जीवंत हो गया।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
महा कुंभ 2025 के दौरान, त्रिवेणी संगम पर लगभग 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस विशाल आयोजन में देश-विदेश से आए भक्तों ने स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में भाग लिया। तीसरे दिन से ही संगम तट पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां हर उम्र के लोग, साधु-संत और नागा साधु अपने पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।