Breach Of Security for S Jaishankar in UK visit: हाल ही में, लंदन स्थित चैथम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उपस्थिति में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया। इस घटना ने भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव उत्पन्न किया है। प्रदर्शनकारियों ने झंडे और लाउडस्पीकर के साथ नारेबाजी की, जबकि मंत्री अंदर चर्चा में व्यस्त थे।
🛑Khalistani extremists heckle, attempt to attack EAM Jaishankar in London.
A khalistani also tore Indian flag and block the vehicle of Indian foreign minister. Police questions and releases him.
Shameful and Pathetic situation in UK. Matter raisedpic.twitter.com/FmsVL7SCz7
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 6, 2025
भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, इसे “अल्पसंख्यक अलगाववादी और उग्रवादी समूहों” की उकसावे वाली गतिविधि करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने ब्रिटेन में विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध का फुटेज देखा है। हम इन उकसावे वाली गतिविधियों की निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि मेजबान सरकार अपनी कूटनीतिक जिम्मेदारियों को पूर्ण रूप से निभाएगी।”
यह घटना कोई अकेली नहीं है; पिछले कुछ समय से ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। मार्च 2023 में, लंदन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था, जिसमें तिरंगे का अपमान करने का प्रयास किया गया था। इस घटना के बाद भारतीय समुदाय ने उच्चायोग के बाहर एकजुटता प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने उच्चायोग के साथ अपनी समर्थन व्यक्त की थी।
इसके अलावा, अक्टूबर 2023 में, खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने फिर से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने भारत विरोधी नारे लगाए और खालिस्तानी झंडे लहराए। यह प्रदर्शन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों के समर्थन में किया गया था।
इन घटनाओं के बावजूद, ब्रिटेन सरकार ने सार्वजनिक रूप से भारत की आलोचना करने से परहेज किया है। लंदन स्थित चैथम हाउस थिंक टैंक के भारत विशेषज्ञ चिटिग बाजपेयी के अनुसार, “इस मामले में भारत की संलिप्तता के कोई निश्चित सबूत नहीं होने के कारण, मुझे लगता है कि ब्रिटेन इसमें मौन ही रहेगा।”
भारत सरकार ने ब्रिटेन से इन घटनाओं में शामिल संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मार्च 2023 में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले में शामिल संदिग्धों की जानकारी ब्रिटेन से मांगी है। एनआईए ने पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत यह अनुरोध किया है, जिसमें उन्होंने विरोध प्रदर्शन, आयोजकों की साख, और उनकी अनुमति के बारे में जानकारी मांगी है।
इन घटनाओं ने ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के बीच चिंता बढ़ा दी है। भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटेन सरकार से इन उग्रवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। इसके अलावा, बॉलीवुड फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग में व्यवधान डालने की घटनाओं को लेकर भी भारत ने ब्रिटेन से कार्रवाई की मांग की है।
भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध हैं, लेकिन हाल की इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच तनाव को उजागर किया है। भारत ने ब्रिटेन से अपेक्षा की है कि वह अपनी जमीन पर ऐसी उग्रवादी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ब्रिटेन सरकार इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।