MK Stalin replaces Rupee symbol from budget: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य बजट 2025-26 के लोगो में आधिकारिक रुपये के प्रतीक को हटाकर तमिल अक्षर ‘ரு’ (‘रु’) शामिल किया है, जो ‘रुबाई’ (तमिल में रुपये) का प्रतिनिधित्व करता है। यह कदम केंद्र सरकार की तीन-भाषा नीति के प्रति राज्य की असहमति को दर्शाता है।
Tamil Nadu CM #MKStalin replaces rupee symbol in budget
We are not against using Tamil. They are doing all this to deviate from the failures of the T.N govt…: @DrTamilisai4BJP@Heenagambhir with details. pic.twitter.com/j4yyZyVCTj
— TIMES NOW (@TimesNow) March 13, 2025
तमिलनाडु की भाषा नीति और इतिहास
तमिलनाडु ने ऐतिहासिक रूप से हिंदी को अनिवार्य बनाने के प्रयासों का विरोध किया है। 1965 में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के विरोध में राज्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए थे। इन आंदोलनों के परिणामस्वरूप, केंद्र सरकार ने राज्यों को उनकी पसंद की भाषा चुनने की स्वतंत्रता दी थी। तमिलनाडु ने तब से दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) को अपनाया है और हिंदी को अनिवार्य बनाने का विरोध जारी रखा है।
तीन-भाषा नीति का विरोध
केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में तीन-भाषा फॉर्मूला प्रस्तावित किया गया है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा शामिल है। तमिलनाडु सरकार का मानना है कि यह राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान के लिए खतरा है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस नीति का कड़ा विरोध किया है और इसे ‘भाषाई साम्राज्यवाद’ करार दिया है।
बजट लोगो में परिवर्तन: एक सांस्कृतिक प्रतीक
राज्य बजट 2025-26 के लोगो में आधिकारिक रुपये प्रतीक को तमिल अक्षर ‘ரு’ से बदलना एक सांस्कृतिक प्रतीकात्मक कदम है। यह परिवर्तन तमिल भाषा और संस्कृति के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम तमिल पहचान को मजबूत करने और राज्य की स्वायत्तता पर जोर देने का प्रयास है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस कदम ने विभिन्न राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। डीएमके समर्थकों ने इसे तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए एक साहसिक कदम बताया है। दूसरी ओर, कुछ विपक्षी दलों ने इसे अनावश्यक और विभाजनकारी कदम करार दिया है। भाजपा नेताओं ने इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया है और राज्य सरकार पर क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
बजट लोगो में इस परिवर्तन का आर्थिक प्रभाव सीमित है, लेकिन इसका सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अधिक है। यह कदम तमिलनाडु की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने और राज्य की भाषाई विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों का हिस्सा है। यह राज्य के नागरिकों के बीच गर्व और एकता की भावना को भी मजबूत कर सकता है।
भविष्य की दिशा
तमिलनाडु सरकार का यह कदम केंद्र और राज्य सरकारों के बीच भाषा नीति पर संवाद की आवश्यकता को उजागर करता है। यह महत्वपूर्ण है कि भाषा संबंधी नीतियाँ राज्यों की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का सम्मान करें। संविधान में राज्यों को उनकी भाषा और संस्कृति की रक्षा करने का अधिकार दिया गया है, और इस संदर्भ में तमिलनाडु का यह कदम महत्वपूर्ण है।
तमिलनाडु सरकार द्वारा बजट लोगो में आधिकारिक रुपये प्रतीक को तमिल अक्षर ‘ரு’ से बदलना राज्य की भाषा और संस्कृति की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम भाषा नीति पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संवाद की आवश्यकता को रेखांकित करता है। भविष्य में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह कदम राज्य और केंद्र के बीच भाषा संबंधी नीतियों पर कैसे प्रभाव डालता है और देश की भाषाई विविधता को कैसे संरक्षित किया जा सकता है।