Putin’s ceasefire conditions: रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया है, जहां कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जटिलता स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आई है। हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की है, जिन्होंने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है। पुतिन ने ट्रंप को “स्मार्ट और अनुभवी व्यक्ति” के रूप में वर्णित किया, जो यूक्रेन में शांति ला सकते हैं।
“We agree to ceasefire, but…”: Putin thanks Trump, PM Modi for efforts to resolve Ukraine conflict
Read @ANI Story | https://t.co/C8gqo1MWde#PMNarendraModi #DonaldTrump #US #Russia #VladimirPutin #RussiaUkrainewar pic.twitter.com/BPDHLnRNsj
— ANI Digital (@ani_digital) March 14, 2025
डोनाल्ड ट्रंप की पहल:
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह दावा किया था कि यदि वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वे 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा था कि वे यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों से बात करेंगे और उन्हें समझौते के लिए प्रेरित करेंगे। ट्रंप का मानना है कि उनके प्रशासन के दौरान रूस ने अमेरिका का सम्मान किया और यह संघर्ष उनकी अध्यक्षता में नहीं होता।
नरेंद्र मोदी की भूमिका:
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए हैं। उन्होंने वैश्विक मंचों पर शांति और संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारत की गुटनिरपेक्ष नीति और सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंधों ने मोदी को एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ के रूप में उभारा है। पुतिन ने मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी पहल ने संघर्ष को कम करने में मदद की है।
पुतिन का दृष्टिकोण:
पुतिन ने कहा कि ट्रंप और मोदी जैसे नेताओं के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस केवल तभी युद्धविराम के लिए तैयार होगा जब यह स्थायी शांति की ओर ले जाए और संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित करे। उन्होंने कहा कि केवल लड़ाई रोकना पर्याप्त नहीं है; यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यह संघर्ष फिर से न उभरे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
ट्रंप और मोदी के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की त्वरित समाधान की योजना व्यावहारिक नहीं है, जबकि अन्य इसे एक साहसिक कदम मानते हैं। मोदी की कूटनीति को व्यापक समर्थन मिला है, विशेष रूप से विकासशील देशों से, जो संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करते हैं।
यूक्रेन की स्थिति:
यूक्रेन ने ट्रंप और मोदी दोनों के प्रयासों का स्वागत किया है, लेकिन वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं करना चाहता। यूक्रेनी सरकार का मानना है कि किसी भी शांति समझौते में रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों की वापसी शामिल होनी चाहिए।
भविष्य की संभावनाएं:
ट्रंप और मोदी के प्रयासों के बावजूद, रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान जटिल बना हुआ है। पुतिन की शर्तें और यूक्रेन की मांगें एक स्थायी समाधान की दिशा में बड़ी चुनौतियां प्रस्तुत करती हैं। फिर भी, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निरंतर कूटनीतिक पहल और संवाद की प्रतिबद्धता इस संघर्ष को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अंततः, यह स्पष्ट है कि वैश्विक नेताओं के संयुक्त प्रयास और समझौता ही इस संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं, जिससे यूक्रेन और रूस दोनों में स्थायी शांति स्थापित हो सके।