Tamil Nadu changes rupee symbol: हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने राज्य बजट के प्रचार सामग्री में भारतीय रुपये के प्रतीक (₹) को बदलकर तमिल अक्षर ‘ரு’ (रु) का उपयोग किया है, जिससे एक नई बहस छिड़ गई है। यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय रुपये का प्रतीक, जिसे 2010 में अपनाया गया था, तमिलनाडु के ही एक निवासी, डॉ. डी. उदय कुमार द्वारा डिजाइन किया गया था। इस परिवर्तन पर डॉ. उदय कुमार की प्रतिक्रिया और इसके पीछे की संभावित वजहों पर चर्चा करना आवश्यक है।
#WATCH | Assam: On Tamil Nadu govt replacing the Rupee symbol (₹) with Tamil symbol ‘Ru’ on the State Budget, IIT Guwahati Professor Udaya Kumar Dharmalingam, who had designed the Indian rupee symbol, says, “… I don’t have complete information behind the reasons of this… pic.twitter.com/NXn9ZBgwPe
— ANI (@ANI) March 14, 2025
भारतीय रुपये का प्रतीक और उसका महत्व
भारतीय रुपये का प्रतीक (₹) 2010 में आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। यह प्रतीक भारतीय संस्कृति और विरासत को दर्शाता है, जिसमें देवनागरी अक्षर ‘र’ और रोमन अक्षर ‘R’ का संयोजन है, जिसमें दो क्षैतिज रेखाएं भारतीय ध्वज की समानता में जोड़ी गई हैं। इस प्रतीक के माध्यम से भारतीय मुद्रा को वैश्विक स्तर पर एक पहचान मिली है, जो देश की आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर को प्रतिबिंबित करती है।
तमिलनाडु सरकार का निर्णय
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में राज्य बजट की प्रचार सामग्री में भारतीय रुपये के प्रतीक (₹) के स्थान पर तमिल अक्षर ‘ரு’ (रु) का उपयोग किया है। यह निर्णय राज्य की भाषा और सांस्कृतिक पहचान को प्रमुखता देने के उद्देश्य से लिया गया प्रतीत होता है। तमिलनाडु में भाषा और संस्कृति का विशेष महत्व है, और सरकार द्वारा इस प्रकार के कदम उठाए जाना राज्य की पहचान को सुदृढ़ करने का प्रयास हो सकता है।
डॉ. डी. उदय कुमार की प्रतिक्रिया
इस परिवर्तन पर प्रतिक्रिया देते हुए, रुपये के प्रतीक के डिजाइनर डॉ. डी. उदय कुमार ने कहा कि उन्हें अपनी रचना पर गर्व है, लेकिन उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करने से इंकार किया और इस निर्णय के पीछे के कारणों को समझने की जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एक डिजाइनर को अपने कार्य में इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
तमिलनाडु सरकार के इस निर्णय पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। राज्य भाजपा प्रमुख ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि रुपये के प्रतीक को एक तमिलनाडु निवासी ने डिजाइन किया था, और इसे बदलना उचित नहीं है। इस प्रकार की प्रतिक्रियाएं इस बात को दर्शाती हैं कि भाषा और सांस्कृतिक प्रतीकों के उपयोग पर राजनीतिक दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Annamalai⚡️: It is laughable that the Tamil Nadu Govt has decided to change the Rupee symbol, which is commonly accepted across Bharat.
In fact, it was a Tamilian who designed rupee symbol.
They are either foolish or this shows their immaturity.
pic.twitter.com/XEcmF2LOAG— Political Views (@PoliticalViewsO) March 13, 2025
भाषाई और सांस्कृतिक पहचान का महत्व
तमिलनाडु में भाषा और संस्कृति का विशेष महत्व है। राज्य की सरकार द्वारा तमिल भाषा को प्रमुखता देने के लिए इस प्रकार के कदम उठाए जाना राज्य की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने का प्रयास हो सकता है। तमिल भाषा और लिपि राज्य के लोगों के लिए गर्व का विषय हैं, और सरकारी दस्तावेजों और प्रचार सामग्री में तमिल अक्षरों का उपयोग इस पहचान को और मजबूत करता है।
राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान और स्थानीय पहचान
हालांकि, राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान और उनका उचित उपयोग भी महत्वपूर्ण है। भारतीय रुपये का प्रतीक (₹) देश की आर्थिक पहचान का प्रतीक है, और इसका उपयोग राष्ट्रीय एकता और पहचान को दर्शाता है। इसलिए, राज्य सरकारों को स्थानीय पहचान और राष्ट्रीय प्रतीकों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है, ताकि दोनों का सम्मान बना रहे।
तमिलनाडु सरकार द्वारा भारतीय रुपये के प्रतीक को बदलकर तमिल अक्षर ‘ரு’ (रु) का उपयोग करने का निर्णय भाषा और सांस्कृतिक पहचान को प्रमुखता देने का एक प्रयास है। हालांकि, इस प्रकार के परिवर्तन राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान और उनकी स्थिरता के संदर्भ में विचारणीय हैं। डॉ. डी. उदय कुमार की संतुलित प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि एक डिजाइनर को विभिन्न परिस्थितियों में अपनी रचनाओं के उपयोग के प्रति लचीला होना चाहिए। भविष्य में, इस प्रकार के निर्णयों में राष्ट्रीय और स्थानीय पहचान के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होगा, ताकि सभी पक्षों का सम्मान और गर्व बना रहे।