Priyanka Gandhi slams Israel

Priyanka Gandhi slams Israel: “मानवता उनके लिए कुछ नहीं”, प्रियंका गांधी ने इज़रायल की कार्रवाई को बताया “ठंडे खून से हत्या”

Priyanka Gandhi slams Israel: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इज़रायल सरकार द्वारा गाज़ा पट्टी में की गई सैन्य कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “निर्दोष नागरिकों की ठंडे खून से हत्या” करार देते हुए कहा कि इज़रायल की इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि मानवता उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि चाहे पश्चिमी शक्तियाँ इसे स्वीकार करें या नहीं, लेकिन दुनिया भर के सभी संवेदनशील नागरिक (जिनमें कई इज़रायली भी शामिल हैं) इसे देख रहे हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने इज़रायल की नीतियों को “कायरतापूर्ण” बताते हुए कहा कि जितना अधिक वे अपराध करेंगे, उतना ही वे अपनी कायरता को उजागर करेंगे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इज़रायल के इन कार्यों की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए ठोस कदम उठाएँ।

यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीनी मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। दिसंबर 2024 में, वे संसद में एक ऐसे हैंडबैग के साथ पहुँचीं जिस पर “फिलिस्तीन” लिखा हुआ था और फिलिस्तीनी एकजुटता के प्रतीक तरबूज का चित्रण था। यह कदम फिलिस्तीनी लोगों के प्रति उनकी एकजुटता को दर्शाता है। इस प्रतीकात्मक कदम की पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हसन चौधरी ने भी सराहना की थी। उन्होंने प्रियंका गांधी की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि जवाहरलाल नेहरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी की पोती से हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं? यह शर्म की बात है कि आज तक किसी पाकिस्तानी संसद सदस्य ने ऐसा साहस नहीं दिखाया है।

हालांकि, प्रियंका गांधी के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार हमेशा से तुष्टीकरण की राजनीति करता रहा है, और प्रियंका गांधी का यह कदम उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह रवैया चुनावों में उनकी हार का कारण बना है।

इसके अलावा, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस को “नई मुस्लिम लीग” बताते हुए प्रियंका गांधी को “राहुल गांधी से भी बड़ी आपदा” कहा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के अंत में कांग्रेस के लिए दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मानव-पशु संघर्ष से जुड़े मुद्दे भी संसद में उठाए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी जाएगी। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब में कहा कि प्रशासन और वन विभाग वायनाड में मिलकर काम कर रहे हैं और इस संबंध में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की एक प्रति वायनाड की सांसद के साथ साझा की जाएगी।

प्रियंका गांधी वाड्रा की ये गतिविधियाँ यह दर्शाती हैं कि वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखने से नहीं हिचकिचातीं। उनका फिलिस्तीनी लोगों के प्रति समर्थन और इज़रायल की नीतियों की आलोचना उनके मानवीय दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। हालांकि, उनके इन कदमों पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ भिन्न रही हैं, जो भारतीय राजनीति के विविध दृष्टिकोणों को उजागर करती हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि नेता अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करें, लेकिन साथ ही यह भी आवश्यक है कि वे अपने देश की आंतरिक समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित करें। प्रियंका गांधी का वायनाड में मानव-पशु संघर्ष का मुद्दा उठाना इस बात का प्रमाण है कि वे स्थानीय समस्याओं के प्रति भी संवेदनशील हैं।

अंततः, प्रियंका गांधी वाड्रा की इज़रायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर की गई टिप्पणियाँ और उनके प्रतीकात्मक कदम भारतीय राजनीति में अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को प्रोत्साहित करते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में वे इन मुद्दों पर किस प्रकार की पहल करती हैं और भारतीय राजनीति में उनकी भूमिका कैसे विकसित होती है।

 

 

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