US Revokes Legal Status of 5 Lakh Migrants: अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग ने हाल ही में क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के लगभग 5,32,000 प्रवासियों की अस्थायी सुरक्षा स्थिति (TPS) को रद्द करने का निर्णय लिया है, जिससे इन व्यक्तियों के निर्वासन की संभावना बढ़ गई है। ये प्रवासी अक्टूबर 2022 के बाद अमेरिका आए थे और उन्हें दो वर्षों के लिए रहने और काम करने की अनुमति दी गई थी। अब, 24 अप्रैल 2025 को या फेडरल रजिस्टर में नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों बाद, उनकी कानूनी स्थिति समाप्त हो जाएगी।
🚨US Revokes Temporary Status Of 5 Lakh Migrants, To Face Deportation Soon pic.twitter.com/Hne1XoVylz
— India & The World (@IndianInfoGuid) March 22, 2025
TPS क्या है?
अस्थायी सुरक्षा स्थिति (TPS) एक मानवीय कार्यक्रम है जो उन देशों के नागरिकों को अस्थायी कानूनी स्थिति प्रदान करता है जहां सशस्त्र संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएं या अन्य असाधारण परिस्थितियां हैं। यह कार्यक्रम प्रवासियों को निर्वासन से सुरक्षा और काम करने की अनुमति देता है। हालांकि, यह स्थायी निवास या नागरिकता का मार्ग नहीं है।
निर्णय का प्रभाव
TPS रद्द होने से प्रभावित प्रवासियों को अब निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है। यह निर्णय न केवल इन व्यक्तियों के लिए बल्कि उनके परिवारों और समुदायों के लिए भी चिंता का विषय है। कई प्रवासी अमेरिका में अपने जीवन का निर्माण कर चुके हैं, नौकरियां कर रहे हैं, करों का भुगतान कर रहे हैं, और बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। उनका निर्वासन उनके परिवारों को विभाजित कर सकता है और आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
प्रवासियों की प्रतिक्रिया
प्रभावित समुदायों में भय और अनिश्चितता का माहौल है। कई प्रवासी और उनके समर्थक इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है कि ये लोग अमेरिका में सुरक्षित जीवन की तलाश में आए थे और अब उन्हें अपने मूल देशों में लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जहां स्थिति अभी भी अस्थिर है।
सरकारी प्रतिक्रिया
होमलैंड सुरक्षा विभाग का कहना है कि यह निर्णय कानून के अनुसार लिया गया है और TPS का उद्देश्य अस्थायी सुरक्षा प्रदान करना है, न कि स्थायी निवास। उनका कहना है कि जिन देशों के हालात में सुधार हुआ है, वहां के नागरिकों की TPS स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने इस निर्णय की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह निर्णय मानवीय सिद्धांतों के खिलाफ है और प्रभावित देशों में स्थिति अभी भी सुरक्षित नहीं है। वे अमेरिकी सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।
भारत पर प्रभाव
हालांकि यह निर्णय मुख्य रूप से क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के प्रवासियों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका प्रभाव अन्य प्रवासी समुदायों पर भी पड़ सकता है, विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों पर। अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या भी काफी है, और वे भी निर्वासन के खतरे का सामना कर रहे हैं। हाल ही में, अमेरिका ने लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है, जिन्हें देश छोड़ना पड़ सकता है।
TPS रद्द करने का निर्णय हजारों प्रवासियों के जीवन को प्रभावित करेगा। यह आवश्यक है कि अमेरिकी सरकार मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए इन व्यक्तियों की सुरक्षा और अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करे। इसके साथ ही, प्रभावित देशों की सरकारों को भी अपने नागरिकों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए कदम उठाने चाहिए।