Justice Yashwant Verma cash recovery

Justice Yashwant Verma cash recovery: स्टोररूम में नकदी मिलने के आरोप निराधार, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने दी छह पृष्ठों की सफाई, कहा ‘कोई पैसा नहीं देखा’

Justice Yashwant Verma cash recovery: दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा हाल ही में एक विवाद के केंद्र में हैं, जिसमें उनके आवास पर आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का दावा किया गया है। इस घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय को छह पृष्ठों की स्पष्टीकरण पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया है।

घटना का विवरण

14 मार्च 2025 को न्यायमूर्ति वर्मा के आवास के स्टोररूम में आग लगी थी। इस घटना के बाद, कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि वहां बड़ी मात्रा में नकदी पाई गई थी। न्यायमूर्ति वर्मा ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि स्टोररूम मुख्य आवास से अलग था, वह अनलॉक था और सभी के लिए सुलभ था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि घटना की रात वहां मौजूद उनके स्टाफ ने “मौके पर कोई नकदी या मुद्रा नहीं देखी”।

न्यायमूर्ति वर्मा का स्पष्टीकरण

अपने स्पष्टीकरण में, न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार ने स्टोररूम में कोई नकदी रखी थी। उन्होंने यह भी बताया कि स्टोररूम में आग लगने के बाद उनके स्टाफ ने वहां कोई नकदी नहीं देखी। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्टोररूम सभी के लिए सुलभ था और वहां किसी भी समय कोई भी प्रवेश कर सकता था।

आरोपों की जांच और न्यायपालिका की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसने अपनी रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर नकदी मिलने की पुष्टि की। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के साथ वीडियो फुटेज भी जारी किया, जिसमें नकदी दिखाई दे रही थी। इस घटना के बाद न्यायपालिका में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई।

न्यायमूर्ति वर्मा का करियर और प्रतिष्ठा

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक (ऑनर्स) किया और बाद में रीवा विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश से विधि स्नातक (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की। 8 अगस्त 1992 को उन्होंने अधिवक्ता के रूप में नामांकन किया और 2006 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विशेष वकील के रूप में सेवा की। अक्टूबर 2014 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और फरवरी 2016 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। अक्टूबर 2021 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने और नकदी मिलने की घटना ने न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है। जहां न्यायमूर्ति वर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट की जांच रिपोर्ट और जारी किए गए वीडियो फुटेज ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। आगे की जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं के माध्यम से ही इस मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी।

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