Hamdan Ballal: ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री “नो अदर लैंड” के सह-निर्देशक हमदान बलाल पर पश्चिमी तट के सुसिया गांव में इजरायली बसने वालों ने हमला किया, जिसके बाद इजरायली सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस घटना की जानकारी उनके सह-निर्देशक युवाल अब्राहम ने सोशल मीडिया पर साझा की।
An Oscar-winning Palestinian filmmaker was beaten and arrested in the West Bank, his co-director says; IDF says it arrested three Palestinians after “violent clashes” broke out. https://t.co/gjLGqkLf94
— NBC News (@NBCNews) March 25, 2025
अब्राहम के अनुसार, बसने वालों के एक समूह ने हमदान बलाल पर हमला किया, जिससे उनके सिर और पेट में गंभीर चोटें आईं और वे खून से लथपथ हो गए। जब उन्होंने एम्बुलेंस बुलाने की कोशिश की, तो इजरायली सैनिकों ने एम्बुलेंस में घुसकर उन्हें हिरासत में ले लिया। तब से उनकी कोई खबर नहीं मिली है।
तनाव का केंद्र बना सुसिया गांव
यह घटना सुसिया गांव में हुई, जो इजरायली बसने वालों और फ़िलिस्तीनी निवासियों के बीच संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। यह क्षेत्र लंबे समय से इजरायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष की मार झेल रहा है, जहां बसने वालों द्वारा हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
हमदान बलाल कौन हैं?
हमदान बलाल एक प्रसिद्ध फ़िलिस्तीनी फिल्मकार और पत्रकार हैं, जिन्होंने “नो अदर लैंड” नामक डॉक्यूमेंट्री का सह-निर्देशन किया था। इस फिल्म ने हाल ही में ऑस्कर पुरस्कार जीता, जिसमें फ़िलिस्तीनी लोगों की दुर्दशा और उनके संघर्ष को दुनिया के सामने लाया गया है। उनकी फिल्म इजरायली कब्जे और बसने वालों की हिंसा पर आधारित है, जिससे उनकी गिरफ्तारी और हमले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मानवाधिकार संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। Center for Jewish Nonviolence जैसे संगठनों ने कहा कि उन्होंने इस हमले को अपनी आंखों से देखा और इसका वीडियो रिकॉर्ड किया।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं इजरायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष में मानवाधिकारों के हनन पर लगातार चिंता जताती रही हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर फ़िलिस्तीनी कलाकारों और पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कलाकारों और कार्यकर्ताओं के लिए खतरनाक माहौल
हमदान बलाल पर हुए इस हमले और उनकी गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि फ़िलिस्तीनी कलाकारों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है। जो लोग सच को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे लगातार निशाने पर आ रहे हैं।
रिहाई की मांग तेज़
हमदान बलाल की गिरफ्तारी और उन पर हुए हमले की निंदा करते हुए विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों ने उनकी सुरक्षित रिहाई की मांग की है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी #FreeHamdanBallal जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
हमदान बलाल पर हमला और गिरफ्तारी फ़िलिस्तीनी कलाकारों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और दमन का एक और उदाहरण है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कर रही है, और अब यह देखना होगा कि क्या वैश्विक दबाव के चलते इजरायली प्रशासन उनकी रिहाई के लिए कोई कदम उठाएगा या नहीं।