Smartest electronic skin
Smartest electronic skin

Smartest electronic skin: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर प्रगति के साथ, मानव जीवन को सरल और सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में, वैज्ञानिकों ने एक नई ‘इलेक्ट्रॉनिक त्वचा’ (ई-स्किन) विकसित की है, जो बिना स्पर्श के उपकरणों के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करती है। यह नवाचार न केवल रोबोटिक्स में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, बल्कि मानव-डिजिटल इंटरैक्शन को भी नए आयाम देगा।

ई-स्किन: मानव त्वचा की नकल करने वाली तकनीक

ई-स्किन एक प्रकार की कृत्रिम त्वचा है, जो मानव त्वचा की संवेदनशीलता और कार्यक्षमता की नकल करती है। यह बाहरी उत्तेजनाओं को महसूस कर सकती है और तदनुसार प्रतिक्रिया दे सकती है। ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक ‘कम्प्यूटेशनल इलेक्ट्रॉनिक स्किन’ विकसित की है, जो मस्तिष्क के न्यूरल पथों की तरह काम करती है, जिससे रोबोट दर्द का अनुभव करना सीख सकते हैं।

चुंबकीय क्षेत्रों के माध्यम से स्पर्श रहित संवाद

इस नई ई-स्किन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह चुंबकीय क्षेत्रों के माध्यम से स्पर्श रहित संवाद की अनुमति देती है। यह तकनीक रोबोट्स को बिना भौतिक संपर्क के वस्तुओं और वातावरण के साथ इंटरैक्ट करने में सक्षम बनाती है, जो नाजुक वस्तुओं को संभालने या संवेदनशील वातावरण में काम करने के लिए अत्यंत उपयोगी है।

रोबोटिक्स में ई-स्किन का अनुप्रयोग

रोबोटिक्स के क्षेत्र में, ई-स्किन का उपयोग रोबोट्स को मानव जैसी संवेदनशीलता प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। बोस्टन (मैसाचुसेट्स, यूएसए) में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविंदर दहिया एक परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य रोबोट्स को मानव के समान भौतिक गुण प्रदान करना है। यह परियोजना रोबोट्स में उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक त्वचा को मानव त्वचा की तरह विस्तार और संकुचन करने में सक्षम बनाकर, उन्हें स्पर्श की संवेदना और दर्द जैसी अनुभूतियों को महसूस करने में सक्षम बनाएगी।

चिकित्सा विज्ञान में ई-स्किन की भूमिका

चिकित्सा के क्षेत्र में, ई-स्किन प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम अंगों) को अधिक प्राकृतिक अनुभव देने में मदद कर सकती है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी ई-स्किन विकसित की है, जो दबाव, तनाव या तापमान में बदलाव को महसूस कर सकती है और मस्तिष्क को विद्युत संकेत भेज सकती है। यह तकनीक उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जिन्होंने किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण अपने अंग गंवा दिए हैं।

संवेदनशील वातावरण में उपयोग

ई-स्किन की स्पर्श रहित संवाद क्षमता इसे संवेदनशील या खतरनाक वातावरण में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है। उदाहरण के लिए, यह तकनीक सर्जिकल उपकरणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा, यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में नए अनुप्रयोगों के द्वार खोल सकती है।

भविष्य की संभावनाएं

ई-स्किन तकनीक अभी विकास के प्रारंभिक चरण में है, लेकिन इसकी संभावनाएं अत्यंत व्यापक हैं। भविष्य में, यह तकनीक रोबोटिक्स, चिकित्सा, आभासी वास्तविकता और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जैसे-जैसे अनुसंधान और विकास आगे बढ़ेगा, हमें उम्मीद है कि ई-स्किन और भी उन्नत और बहुप्रयोजी होगी, जिससे मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

निष्कर्षतः, इलेक्ट्रॉनिक त्वचा का यह नवाचार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो मानव और मशीन के बीच संवाद के नए रास्ते खोलता है और विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोगों की असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है।

By Admin

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

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