President Yoon ousts from office: दक्षिण कोरिया में हाल ही में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, जिसमें राष्ट्रपति यून सुक-योल को संवैधानिक न्यायालय द्वारा पद से हटा दिया गया है। यह निर्णय उनके द्वारा दिसंबर 2024 में घोषित मार्शल लॉ के संदर्भ में आया, जिसे अदालत ने संविधान का गंभीर उल्लंघन माना। इस फैसले के परिणामस्वरूप, देश में अगले 60 दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति चुनाव कराए जाएंगे।मार्शल लॉ की घोषणा और उसकी प्रतिक्रिया
🚨SEOUL (@CNN) — SOUTH KOREA PRESIDENT YOON REMOVED FROM POWER, CONSTITUTIONAL COURT RULES, 4 MONTHS AFTER YOON DECLARED MARTIAL LAW pic.twitter.com/1F5yLlUvvs
— Mike Valerio (@ValerioCNN) April 4, 2025
दिसंबर 2024 में, राष्ट्रपति यून सुक-योल ने राजनीतिक गतिरोध और उत्तर कोरिया से उत्पन्न खतरों का हवाला देते हुए मार्शल लॉ घोषित किया था। हालांकि, यह निर्णय केवल छह घंटे के भीतर वापस ले लिया गया, लेकिन इसने देश में राजनीतिक उथल-पुथल और अंतरराष्ट्रीय चिंता को जन्म दिया। आलोचकों का कहना था कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ था और संविधान का उल्लंघन करता था।
संवैधानिक न्यायालय का निर्णय
4 अप्रैल 2025 को, दक्षिण कोरिया के संवैधानिक न्यायालय ने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति यून के महाभियोग को बरकरार रखते हुए उन्हें पद से हटा दिया। अदालत ने पाया कि मार्शल लॉ की घोषणा और संसद के कार्यों में हस्तक्षेप करना संविधान का गंभीर उल्लंघन था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मून ह्युंग-बे ने कहा, “प्रतिवादी के उल्लंघनों का संवैधानिक व्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगामी चुनाव
प्रधानमंत्री हान डक-सू अब कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे जब तक कि नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता। संविधान के अनुसार, अगले 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराए जाने चाहिए। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग को आगामी चुनावों में प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है, हालांकि वे खुद कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
इस निर्णय के बाद, देशभर में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी गईं। कुछ नागरिकों ने इसे लोकतंत्र की जीत के रूप में मनाया, जबकि अन्य ने राष्ट्रपति यून के प्रति समर्थन व्यक्त किया। सियोल में, हजारों लोग सड़कों पर उतरे, कुछ ने अदालत के फैसले का जश्न मनाया, जबकि अन्य ने निराशा व्यक्त की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू से बात की और दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र और कानून के शासन के प्रति समर्थन व्यक्त किया। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने कहा कि टोक्यो दक्षिण कोरिया में घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है, लेकिन जापान-दक्षिण कोरिया संबंधों की महत्वता अपरिवर्तित बनी हुई है।
राष्ट्रपति यून की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति यून सुक-योल ने अदालत के फैसले पर खेद व्यक्त किया और कहा कि वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके। उन्होंने कहा, “मैं सभी आलोचनाओं, प्रोत्साहनों और समर्थन को अपने साथ लेकर चलूंगा, और देश के लिए अपनी पूरी कोशिश करता रहूंगा।”
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल की बर्खास्तगी देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह घटना दर्शाती है कि देश में संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का कितना महत्व है। आगामी चुनाव और राजनीतिक परिदृश्य पर इसकी गहरी छाप होगी, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दक्षिण कोरिया इस संकट से कैसे उबरता है और आगे बढ़ता है।