9 to 5 burnout: आज के दौर में नौकरी की दुनिया में मानसिक और शारीरिक थकान एक आम समस्या बन गई है। हाल ही में एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे ₹2.5 करोड़ की बचत होने के बावजूद, नौकरी से जुड़ी थकान ने उन्हें जीवन के प्रति असंतोष से भर दिया।
नौकरी से थकान: एक आम समस्या
इस व्यक्ति ने बताया कि लगातार काम के दबाव और मानसिक तनाव ने उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया। उन्होंने महसूस किया कि नौकरी के चलते वे अपने व्यक्तिगत जीवन को समय नहीं दे पा रहे हैं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
परनताप चौधरी की कहानी: जुनून के लिए नौकरी छोड़ना
बेंगलुरु के परनताप चौधरी ने ₹54 लाख की सालाना सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी, ताकि वे अपने जुनून को पूरा कर सकें। उन्होंने लिंक्डइन पर लिखने और डिजिटल बिजनेस शुरू करने का सपना देखा था, जिसे उन्होंने साकार किया। चौधरी ने बताया कि नौकरी के दौरान वे सप्ताह में 70 घंटे से अधिक काम करते थे, जिससे उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिलता था। नौकरी छोड़ने के बाद, उन्होंने अपने जीवन में संतुलन पाया और अपने जुनून को समय दे पाए।
नौकरी छोड़ने के पीछे के कारण
कई लोग नौकरी छोड़ने के पीछे विभिन्न कारण बताते हैं:
- टॉक्सिक वर्क कल्चर
- कम सैलरी और ओवरटाइम का भुगतान न होना
- अत्यधिक कार्यभार
- ऑफिस पॉलिटिक्स और नेपोटिज्म
इन कारणों से कर्मचारी मानसिक रूप से थक जाते हैं और नौकरी छोड़ने का निर्णय लेते हैं।
नौकरी छोड़ने के बाद की चुनौतियाँ
नौकरी छोड़ने के बाद, व्यक्ति को नई नौकरी पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने 8 महीने में 1764 आवेदन किए और 53 इंटरव्यू दिए, तब जाकर उन्हें नई नौकरी मिली। इस दौरान उन्होंने अपनी बचत से खर्च चलाया और एक दोस्त के साथ मिलकर कंटेंट कंपनी शुरू की।
मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है। यदि नौकरी से मानसिक तनाव बढ़ रहा है, तो समय रहते निर्णय लेना चाहिए। हालांकि, निर्णय सोच-समझकर और योजना बनाकर लेना चाहिए, ताकि भविष्य में आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।
नौकरी से थकान और असंतोष एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि आप भी ऐसी स्थिति में हैं, तो अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। सही समय पर सही निर्णय लेना आपके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है।
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