ISSF World Cup 2025

ISSF World Cup 2025: लिमा, पेरू में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप 2025 में भारत की युवा निशानेबाज सुरुचि सिंह ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पहले 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और फिर सौरभ चौधरी के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम इवेंट में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए एक सपना होता है, जिसे 18 साल की सुरुचि ने हकीकत में बदल दिया।

हरियाणा की धरती से निकली गोल्डन गर्ल

सुरुचि सिंह हरियाणा के झज्जर जिले से हैं और महज 18 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। पांच साल पहले शूटिंग से जुड़ी सुरुचि ने खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पहले भी राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में महिला, जूनियर और यूथ वर्ग में तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया था।

ISSF वर्ल्ड कप में भारत को दिलाई दोहरी खुशी

सुरुचि ने इस प्रतियोगिता में पहले महिला 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीता और फिर अगले ही दिन सौरभ चौधरी के साथ मिक्स्ड टीम इवेंट में हिस्सा लिया। इस जोड़ी ने चीन की याओ कियानशुन और हू काई की टीम को 17-9 के बड़े अंतर से हराया। यह प्रदर्शन भारत के लिए गर्व का क्षण था, खासकर तब जब युवा और अनुभव का ऐसा शानदार मेल देखने को मिला।

सौरभ चौधरी: अनुभवी निशानेबाज़ की वापसी

सौरभ चौधरी भारतीय शूटिंग का जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने इससे पहले मनु भाकर के साथ कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। इस बार सुरुचि के साथ उनकी जोड़ी ने दिखाया कि कैसे अनुभव और युवा जोश मिलकर कमाल कर सकते हैं। सौरभ की शांत और संतुलित निशानेबाज़ी ने टीम को निर्णायक बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय खेलों में भी चमकी सुरुचि

फरवरी 2025 में उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में सुरुचि ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 245.7 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में हरियाणा की ही पलक ने रजत और पंजाब की सिमरनप्रीत कौर बरार ने कांस्य पदक अपने नाम किया। यह साबित करता है कि सुरुचि सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि घरेलू प्रतियोगिताओं में भी लगातार दमदार प्रदर्शन कर रही हैं।

ओलंपिक की तैयारी: अगला लक्ष्य पेरिस?

सुरुचि का यह प्रदर्शन भारतीय शूटिंग टीम की ओलंपिक 2028 तैयारियों के लिए भी बड़ी उम्मीद लेकर आया है। उनके प्रदर्शन में निरंतरता और मानसिक मजबूती साफ नजर आती है, जो किसी भी बड़े टूर्नामेंट में सफलता की कुंजी होती है। कोचिंग स्टाफ और फेडरेशन भी अब सुरुचि को भविष्य के बड़े टूर्नामेंट्स के लिए तैयार करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

युवा जोश और मेहनत की जीत

सुरुचि सिंह ने जिस तरह से कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए, वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि भारतीय शूटिंग खेल की नई लहर का संकेत भी है। उन्होंने यह दिखा दिया कि समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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