India-Pakistan tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक बार फिर से तनावपूर्ण हालात बन गए हैं। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान द्वारा लगातार दसवें दिन भी सीज़फायर का उल्लंघन किया गया है। इस लगातार हो रही गोलीबारी ने न सिर्फ सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया है, बल्कि सीमावर्ती गांवों के नागरिकों को भी दहशत में डाल दिया है।
Unprovoked firing by Pakistan Army along LoC. India troops retaliate. @SunilJBhat joins in with the latest updates. #Pakistan #India #ITVideo | @Ahuja_harshit94 pic.twitter.com/URkER9WpNd
— IndiaToday (@IndiaToday) May 4, 2025
कृष्णा घाटी और पुंछ में सबसे अधिक तनाव
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में हालात सबसे ज्यादा नाजुक हैं। पाकिस्तानी सेना की ओर से अचानक की गई गोलीबारी का भारतीय सेना ने प्रभावी जवाब दिया। सेना के सूत्रों के अनुसार, भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका विवरण नहीं दिया गया, लेकिन यह साफ है कि भारत अब ऐसे हर उकसावे पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने बिना उकसावे के फायरिंग की हो। पिछले कुछ वर्षों से सीमाओं पर यह रवैया पाकिस्तान की आदत बन चुका है, लेकिन इस बार की स्थिति इसलिए गंभीर है क्योंकि यह घटनाएं एक बड़े आतंकी हमले के बाद सामने आ रही हैं।
पहल्गाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। केंद्र सरकार ने इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर डालते हुए कहा कि यह पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों द्वारा संचालित किया गया था। इसके बाद से ही सीमा पर तनाव बढ़ गया है और पाकिस्तान की ओर से लगातार सीज़फायर उल्लंघन की घटनाएं सामने आ रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह रवैया किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। इस तरह की गोलीबारी आतंकवादियों को घुसपैठ करने में मदद देने के लिए की जाती है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों को घुसपैठ के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
घुसपैठ की नाकाम कोशिशें
भारतीय सेना ने पिछले कुछ दिनों में नियंत्रण रेखा के पास कई आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है। कृष्णा घाटी, उरी, नौशेरा और केरन सेक्टरों में सेना की चौकसी के कारण आतंकियों को बार-बार मुंह की खानी पड़ी है। यह साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान की नीयत पर शक करने का कोई कारण नहीं बचा है।
सैन्य सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान सीमा पर जानबूझकर तनाव पैदा कर रहा है ताकि भारत का ध्यान आतंकी नेटवर्कों से हट जाए। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे हर मोर्चे पर तैयार हैं।
बड़ी फ्लैग मीटिंग के बावजूद कोई बदलाव नहीं
सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग आयोजित की गई थी। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चक्कन दा बाग इलाके में हुई। इस बैठक में 2021 के सीज़फायर समझौते का पालन करने पर जोर दिया गया। लेकिन मीटिंग के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी।
इससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तान की नीयत में खोट है और वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने दिखावे के लिए बातचीत करता है, लेकिन व्यवहार में कोई बदलाव नहीं लाता।
नागरिकों में डर और असुरक्षा का माहौल
सीमा के निकट स्थित गांवों में रहने वाले नागरिकों की हालत अत्यंत दयनीय हो गई है। पुंछ, राजौरी, कठुआ और बारामुला जिलों के अनेक गांवों में लोग लगातार गोलियों की आवाज सुन रहे हैं। बच्चों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं, किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं और महिलाएं दिन-रात बंकरों में बैठी रहती हैं।
कुछ गांवों में लोगों को अस्थायी शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जहां वे सुरक्षित तो हैं, लेकिन भय और अस्थिरता का माहौल छाया हुआ है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन जब तक गोलीबारी बंद नहीं होती, तब तक हालात सामान्य नहीं हो सकते।
प्रधानमंत्री मोदी की सख्त चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक आपात बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें रक्षामंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शामिल हुए थे। इस बैठक में सीमा की स्थिति की समीक्षा की गई और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और हर उस व्यक्ति को सजा दी जाएगी, जिसने पहलगाम में नागरिकों की हत्या की। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना को पूरी छूट दी गई है कि वह हर उकसावे का जवाब अपने तरीके से दे।
वायुसेना प्रमुख की पीएम से मुलाकात
देश की सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारतीय वायुसेना प्रमुख ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। इस दौरान एलओसी पर हालिया घटनाओं और भारत की वायु सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई। इस मुलाकात को कई विशेषज्ञ एक महत्वपूर्ण संकेत मानते हैं कि यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो भारत किसी भी सैन्य विकल्प से पीछे नहीं हटेगा।
संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में नजर
भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव कोई नया नहीं है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान की ओर से उकसावे की शुरुआत की गई है। भारत अब सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि रणनीतिक तरीके से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेनकाब कर रहा है।
जहां एक ओर भारतीय सेना जमीन पर मोर्चा संभाले हुए है, वहीं विदेश मंत्रालय वैश्विक समुदाय को यह संदेश देने में लगा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर G20 मंचों तक भारत ने यह मुद्दा लगातार उठाया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर बढ़ता तनाव दोनों देशों के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। पाकिस्तान को समझना होगा कि शांति और विकास का रास्ता सिर्फ आपसी संवाद और भरोसे से ही निकलेगा। भारत की ओर से बार-बार संयम बरता गया, लेकिन अब समय आ गया है कि हर उकसावे का कठोर जवाब दिया जाए।
भारतीय सेना, सरकार और नागरिक सभी एकजुट हैं। देश आतंकवाद और पाकिस्तान की नीतियों के सामने झुकने वाला नहीं है।
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