Rohit Sharma Test Retirement

Rohit Sharma Test Retirement: रोहित शर्मा का टेस्ट संन्यास, भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत, लेकिन कहानी अभी बाकी है

Rohit Sharma Test Retirement: भारतीय क्रिकेट के ‘हिटमैन’ के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया। 38 वर्षीय रोहित का यह फैसला क्रिकेट प्रेमियों और जानकारों दोनों के लिए अप्रत्याशित था। टेस्ट क्रिकेट में उनका योगदान न सिर्फ भारतीय टीम को मजबूती देने में अहम रहा, बल्कि उन्होंने खुद को एक भरोसेमंद टेस्ट सलामी बल्लेबाज और प्रेरणादायक कप्तान के रूप में स्थापित किया।

रोहित शर्मा का टेस्ट सफर: एक प्रेरणादायक यात्रा

रोहित शर्मा ने अपना टेस्ट डेब्यू 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में किया था। पहली ही पारी में उन्होंने 177 रन की विस्फोटक पारी खेली और बता दिया कि वो सिर्फ सीमित ओवरों के खिलाड़ी नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने लगातार अपने प्रदर्शन से आलोचकों को गलत साबित किया।

67 टेस्ट मैचों में रोहित ने 4,301 रन बनाए जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी सबसे बड़ी टेस्ट पारी 212 रन की रही, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में खेली थी। यह पारी ना सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से बल्कि मानसिक मजबूती के लिहाज़ से भी उनके टेस्ट करियर की पहचान बन गई।

कप्तानी और बदलाव की भूमिका

2022 में विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित को टेस्ट कप्तानी सौंपी गई। उन्होंने नेतृत्व संभालते ही टीम इंडिया को स्थिरता दी और युवाओं को अवसर देना शुरू किया। उन्होंने 24 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिनमें से भारत ने 12 में जीत हासिल की। रोहित की नेतृत्वशैली शांत, नियंत्रित और रणनीतिक रही। वो मैदान पर न तो आक्रामक नारे लगाते थे और न ही फिजूल हाइप बनाते थे — वो सिर्फ खेल पर ध्यान देते थे।

उनके कप्तान बनने के बाद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया।

संन्यास का समय: क्यों अब?

हालांकि रोहित का टेस्ट करियर शानदार रहा, लेकिन पिछले कुछ समय से उनका फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ था। पिछले 15 टेस्ट पारियों में उन्होंने मात्र एक अर्धशतक लगाया और उनका औसत 10.93 तक गिर गया। उम्र और प्रदर्शन में गिरावट के साथ-साथ चयनकर्ताओं की ओर से भी संकेत मिलने लगे थे कि बदलाव की जरूरत है।

ऐसे में रोहित ने एक समझदारी भरा फैसला लेते हुए खुद को टेस्ट टीम से अलग करने का निर्णय लिया। उन्होंने यह दिखा दिया कि व्यक्तिगत गौरव से ज़्यादा टीम की भलाई उनके लिए अहम है।

बीसीसीआई और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया

बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक बयान में रोहित शर्मा के योगदान को ‘अद्वितीय’ बताया और कहा कि वो वनडे और T20 क्रिकेट में अब भी भारत के लिए एक मजबूत स्तंभ बने रहेंगे। बीसीसीआई सचिव ने कहा, “रोहित ने हमेशा टीम को प्राथमिकता दी। उनका नेतृत्व भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।”

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने रोहित को ‘मुंबई का राजा’ कहते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा, “जिस तरह उन्होंने तेज गेंदबाजों को स्टैंड्स में भेजा और शांत नेतृत्व से टीम को दिशा दी, वो हमेशा याद रखा जाएगा।”

वनडे और T20 में रोहित की कहानी अभी बाकी है

टेस्ट से संन्यास के बाद अब रोहित शर्मा पूरी तरह से सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान देंगे। उन्होंने वनडे में 10,000 से अधिक रन बनाए हैं और उनके नाम 264 रन का विश्व रिकॉर्ड स्कोर है। इसके अलावा T20I में भी वो चार शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं।

उनकी कप्तानी में भारत 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा और 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती। रोहित अब T20 वर्ल्ड कप 2026 की रणनीतियों में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनके अनुभव और समझदारी के कारण युवा खिलाड़ियों को भी दिशा मिलेगी।

भविष्य का नेतृत्व: कौन होगा अगला टेस्ट कप्तान?

रोहित के जाने के बाद टेस्ट कप्तानी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, और केएल राहुल को संभावित कप्तानों के रूप में देखा जा रहा है। गिल जहां युवा ऊर्जा का प्रतीक हैं, वहीं बुमराह की रणनीतिक सोच और शांत स्वभाव उन्हें एक आदर्श कप्तान बना सकता है।

बीसीसीआई जल्द ही अगली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए एक स्थायी कप्तान की घोषणा कर सकता है।

रोहित की विरासत अमर है

रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भले ही एक युग के अंत जैसा हो, लेकिन उनके योगदान और विरासत को मिटाना नामुमकिन है। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से लोगों का दिल जीता और कप्तानी से टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब सीमित ओवरों में उनका अनुभव और नेतृत्व भारतीय क्रिकेट के लिए और भी अहम हो जाएगा।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि खिलाड़ियों का संन्यास खेल का अंत नहीं होता — वह एक नई शुरुआत होती है। रोहित शर्मा की यह नई शुरुआत सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत को और ऊंचा उठाने की दिशा में है।

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