India Pakistan Tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए हैं। बीते कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब तक, सीमा पार से मिसाइल, ड्रोन और गोलीबारी की घटनाओं में न सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, बल्कि नागरिक क्षेत्रों में भी खतरे की घंटी बज चुकी है।
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— Tulsi For President🌺 (@TulsiPotus) May 8, 2025
Indian army today neutralized pakistan's air defence system, Drones attacked Karachi, Lahaur, Siyalkot and
3 Drone blasts were heard near Lahore Walton airport which was protected by the Chinese Air Defence system HQ-9 pic.twitter.com/Sfh9B4jGiH
भारत ने पाकिस्तान की ओर से आए कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करते हुए जवाबी कार्रवाई की है। वहीं, पाकिस्तान ने एलओसी पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी है, जिससे सीमावर्ती गांवों में दहशत का माहौल है।
ड्रोन और मिसाइल हमलों की शुरुआत
भारत के रक्षा सूत्रों के मुताबिक, 8 मई की रात पाकिस्तान की ओर से भारत के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। ये हमले विशेष रूप से जम्मू, पठानकोट, अमृतसर और श्रीनगर के आसपास केंद्रित थे। भारत ने समय रहते अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करते हुए इन हमलों को विफल कर दिया। बताया जा रहा है कि भारत ने अपने अत्याधुनिक एस-400 और बराक मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रयोग करते हुए कम से कम 15 मिसाइलों और 9 ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमले पाकिस्तान की हताशा का संकेत हैं, खासकर तब जब भारत ने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सर्जिकल मिसाइल स्ट्राइक की थी।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का जवाबी वार
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत ने एक सख्त रुख अपनाया। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक आतंकी संगठन ने ली थी, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए। इसके जवाब में, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और खैबर पख्तूनख्वा में 9 से अधिक आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इस हमले में 70 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
भारत की इस कार्रवाई को न सिर्फ सैन्य रूप से बल्कि कूटनीतिक रूप से भी एक बड़ा संदेश माना गया। भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
एलओसी पर भारी गोलाबारी
भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, उरी और केरन सेक्टरों में लगातार मोर्टार दागे जा रहे हैं। भारत की सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस गोलाबारी में अब तक 15 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है और 40 से अधिक घायल हुए हैं। सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
भारत सरकार ने सीमा से सटे इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए विशेष टीमों को भेजा है। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
अब तक का सबसे बड़ा हवाई संघर्ष
6 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच एक अभूतपूर्व हवाई संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों देशों के कुल 125 से अधिक लड़ाकू विमानों ने भाग लिया। यह भारत-पाकिस्तान के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ‘डॉगफाइट’ बताया जा रहा है। भारत की ओर से राफेल, मिग-29, तेजस और सुखोई-30 एमकेआई जैसे विमान तैनात किए गए थे, वहीं पाकिस्तान ने एफ-16, जेएफ-17 और मिराज विमानों का इस्तेमाल किया।
इस संघर्ष में भारत के तीन राफेल विमानों को नुकसान पहुंचा जबकि पाकिस्तान के चार एफ-16 और दो जेएफ-17 विमानों को मार गिराया गया। यह हवाई संघर्ष लगभग 90 मिनट तक चला और इसके दौरान पाकिस्तान की वायुसीमा में भी भारतीय विमानों की घुसपैठ हुई।
राजनीतिक और कूटनीतिक हलचल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आपात बैठक बुलाकर देश को आश्वस्त किया कि भारत पूरी तरह सतर्क है और किसी भी प्रकार की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत शांति का पक्षधर है लेकिन उसकी सहनशीलता को उसकी कमजोरी न समझा जाए।
दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाइयों को “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताया और कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हलचल तेज हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देश दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील कर रहे हैं।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार का विशेष अभियान
भारत सरकार ने सीमा से लगे राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड—में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा अभ्यासों की एक श्रृंखला शुरू की है, जिनमें एयर रैड अलर्ट, ब्लैकआउट ड्रिल, सुरक्षित स्थानों की पहचान और आपातकालीन संपर्क तंत्र की व्यवस्था की गई है।
स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, और अस्पतालों में विशेष वार्ड आरक्षित किए गए हैं ताकि घायल नागरिकों और सैनिकों को त्वरित इलाज मिल सके। इसके साथ ही रेलवे और हवाई सेवाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
भविष्य की राह: शांति या और टकराव?
भारत और पाकिस्तान के बीच के मौजूदा हालात बेहद नाजुक मोड़ पर हैं। एक तरफ सैन्य कार्रवाई से देश की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा जरूरी है, तो दूसरी ओर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच किसी बड़े युद्ध की आशंका से पूरी दुनिया चिंतित है।
भारत सरकार की नीति स्पष्ट है—आतंक के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि। लेकिन क्या पाकिस्तान इससे सबक लेगा या हालात और बिगड़ेंगे? यह आने वाला समय ही बताएगा।
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