Trump and Elon Musk tensions: अमेरिकी राजनीति और तकनीकी दुनिया की दो सबसे चर्चित हस्तियों — डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क — के बीच हाल ही में हुआ सार्वजनिक विवाद अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिका के पूर्व और संभावित भविष्य के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हाल ही में खरीदी गई टेस्ला मॉडल S को बेचने या दान देने की योजना बनाई है। यह फैसला ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच की बढ़ती तल्ख़ी का प्रतीक बन गया है।
Trump plans to get rid of the red Tesla he bought from Elon Musk before their public breakup.
— AF Post (@AFpost) June 6, 2025
Follow: @AFpost pic.twitter.com/V3IW8Wv9ER
ट्रंप की टेस्ला खरीद: एक असामान्य लेकिन शक्तिशाली संदेश
मार्च 2025 में, व्हाइट हाउस के लॉन में ट्रंप ने एक भव्य कार्यक्रम के दौरान लाल रंग की टेस्ला मॉडल S खरीदी थी। यह खरीद सिर्फ एक निजी निर्णय नहीं था, बल्कि इसे एलन मस्क के प्रति समर्थन के प्रतीक के रूप में देखा गया। उस समय ट्रंप ने इसे “अमेरिकी नवाचार का प्रतीक” कहा था और इसे मस्क के “अद्भुत दिमाग की उपज” करार दिया था।
यह टेस्ला कार, जो एक ऑल-इलेक्ट्रिक लग्जरी मॉडल है, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा निजी तौर पर खरीदी जाने वाली पहली टेस्ला बताई जा रही थी। हालांकि सुरक्षा कारणों के चलते ट्रंप खुद इसे ड्राइव नहीं कर सकते थे, लेकिन यह व्हाइट हाउस के प्रॉपर्टी पर खड़ी रही और राष्ट्रपति के निजी स्टाफ या सिम्बॉलिक उपयोग के लिए रखी गई थी।
एलन मस्क से तनाव की शुरुआत
हालिया दिनों में ट्रंप और मस्क के संबंध अचानक खराब हो गए। इसकी शुरुआत ट्रंप द्वारा प्रस्तुत किए गए एक नए टैक्स और खर्च प्रस्ताव, जिसे उन्होंने “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” कहा था, से हुई। इस प्रस्ताव को एलन मस्क ने खुलेआम आलोचना का निशाना बनाते हुए कहा कि यह “वित्तीय दृष्टि से विनाशकारी” है और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है।
मस्क के इस बयान ने ट्रंप को नाराज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मस्क पर तीखा हमला किया और उन्हें “पागल” करार दिया। ट्रंप ने टेस्ला को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी और डिफेंस अनुबंधों को भी रद्द करने की धमकी दी, जो मस्क की कंपनियों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
टेस्ला के शेयरों पर पड़ा प्रभाव
इस तनाव का असर तुरंत ही वित्तीय बाजारों में दिखाई दिया। टेस्ला के शेयरों में एक ही दिन में 14% तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी का मार्केट कैप करीब 138 अरब डॉलर कम हो गया। हालाँकि अगले दिन शेयरों में थोड़ी रिकवरी देखी गई, लेकिन निवेशकों में बेचैनी और घबराहट बनी रही।
कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप और मस्क के बीच का यह झगड़ा सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि रणनीतिक भी है। ट्रंप का राजनीतिक दृष्टिकोण अक्सर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों (जैसे कोयला और तेल) के पक्ष में रहता है, जबकि मस्क एक स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के अग्रदूत माने जाते हैं। इस वैचारिक अंतर का असर अब सार्वजनिक बहसों और आर्थिक नीतियों पर भी दिखाई देने लगा है।
टेस्ला से छुटकारा: ट्रंप का बड़ा फैसला
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप अब गंभीरता से अपनी टेस्ला मॉडल S को बेचने या दान देने पर विचार कर रहे हैं। यह कार, जो करीब 78 लाख रुपये (90,000 डॉलर) की कीमत वाली बताई गई थी, अब ट्रंप की नजरों में एक “गलत निवेश” बन चुकी है। यह फैसला स्पष्ट रूप से मस्क से उनके व्यक्तिगत और वैचारिक टकराव का परिणाम है।
ट्रंप के करीबी सूत्रों के अनुसार, “राष्ट्रपति को लगता है कि जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से आपके नेतृत्व और नीति की आलोचना करता है, तो उसका समर्थन करना व्यर्थ है। उन्होंने मस्क को समर्थन देने के लिए यह कार खरीदी थी, लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं।”
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक और आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद 2024 के चुनावों के लिए ट्रंप की रणनीति का भी हिस्सा हो सकता है। वह खुद को “प्रो-अमेरिकन बिजनेस” उम्मीदवार के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा बिजनेस जो उनकी नीतियों के प्रति वफादार हो। एलन मस्क जैसे स्वतंत्र और मुखर उद्योगपतियों के साथ टकराव से ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि वह किसी भी बड़े कॉर्पोरेट को चुनौती देने से नहीं डरते।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कुछ लोगों ने ट्रंप के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि “एक राष्ट्रपति को अपने सिद्धांतों के लिए खड़े रहना चाहिए,” वहीं कुछ ने इसे एक “बचकाना कदम” बताया और कहा कि एक कार बेचने से असली समस्याओं का समाधान नहीं होता।
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच यह विवाद अब केवल व्यक्तिगत नहीं रहा, बल्कि इसके असर अमेरिकी राजनीति, तकनीकी उद्योग और आर्थिक नीतियों तक फैल चुके हैं। ट्रंप का टेस्ला से छुटकारा पाने का निर्णय एक प्रतीकात्मक संदेश है — कि अगर कोई उनका विरोध करता है, तो वह उसे नजरअंदाज नहीं करते। यह देखने वाली बात होगी कि इस फैसले का आगामी चुनावों में क्या असर होता है और क्या मस्क भी इसका कोई जवाब देते हैं।
अधिक समाचारों के लिए पढ़ते रहें जनविचार।