Ahmedabad Air India crash

Ahmedabad Air India crash: अहमदाबाद में Air India की भयावह दुर्घटना ने देश को झकझोरा

Ahmedabad Air India crash: अहमदाबाद में 12 जून को एक भयंकर विमान हादसे ने पूरे भारत को स्तब्ध कर दिया। एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर लगभग 1:38 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद यह विमान मेघानीनगर इलाके में स्थित एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से जा टकराया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की मौत हो गई। यह भारत के इतिहास में अब तक का सबसे घातक एकल विमान हादसा बन गया है।

हादसे का स्वरूप

फ्लाइट AI-171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान था, जो नियमित अंतरराष्ट्रीय सेवा के तहत लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा था। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, टेक-ऑफ के तुरंत बाद विमान के इंजन में असामान्यता दर्ज की गई थी। पायलट ने मयडे कॉल भेजा, लेकिन विमान को संभालने का प्रयास विफल रहा और वह सीधा पास के एक मेडिकल हॉस्टल की छत से जा टकराया।

टक्कर इतनी भीषण थी कि विमान के टुकड़े हॉस्टल के कमरों में जा गिरे। आग लगने के कारण स्थानीय निवासियों को भी बाहर निकालना पड़ा। इमारत में मौजूद मेडिकल छात्रों में से कम से कम 11 की मौके पर ही मौत हो गई, और दर्जनों घायल हुए।

एकमात्र जीवित यात्री: चमत्कारिक बचाव

इस भयावह दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति जीवित बच पाया। ब्रिटेन निवासी 32 वर्षीय विश्वश कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, किसी तरह इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकल आए। वह झुलसे हुए थे लेकिन होश में थे। अस्पताल में भर्ती रमेश ने बताया कि उड़ान भरने के कुछ क्षणों बाद ही विमान असामान्य रूप से हिलने लगा और कुछ ही सेकंड में दुर्घटना हो गई। उनका बच जाना एक चमत्कार की तरह देखा जा रहा है।

सरकार की प्रतिक्रिया और राहत कार्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सभी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, वहीं राज्य सरकार ने भी राहत राशि देने का ऐलान किया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सेना, वायुसेना और स्थानीय पुलिस ने मिलकर राहत अभियान चलाया। 48 घंटों तक मलबा हटाने और शवों की पहचान करने का काम चलता रहा। कई शव बुरी तरह जले हुए थे, जिससे उनकी पहचान डीएनए जांच द्वारा की जा रही है।

ब्लैक बॉक्स की खोज और जांच

शुरुआत में ब्लैक बॉक्स को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही। एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) मिलने की खबर आई, लेकिन बाद में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पुष्टि की कि दोनों आवश्यक ब्लैक बॉक्स – फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर – मलबे से बरामद कर लिए गए हैं।

इन रिकॉर्डरों को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के पास भेजा गया है, जो अब अमेरिकी और ब्रिटिश विमानन विशेषज्ञों के साथ मिलकर हादसे के कारणों की जांच कर रहा है। प्रारंभिक अनुमानों में पायलट त्रुटि, तकनीकी खराबी या गर्म मौसम के कारण कम ऊंचाई पर टर्बुलेंस जैसी संभावनाओं को लेकर विचार किया जा रहा है।

संभावित कारण: तकनीक, मानवीय चूक या मौसम?

जानकारों के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद इतनी गंभीर दुर्घटना तभी होती है जब या तो इंजन फेल हो जाए, या पायलट आवश्यक नियंत्रण प्रणाली को सही से क्रियान्वित न कर सके। अहमदाबाद में तापमान उस दिन 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा हुआ था, जिससे हवा की घनता कम हो गई थी और यह भी एक कारक हो सकता है।

दूसरी ओर, स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया है कि विमान का मेंटेनेंस रिकॉर्ड पिछले कुछ हफ्तों से अधूरा था। एयर इंडिया की आंतरिक टीमें भी अब इस पर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।

सामाजिक और राजनीतिक असर

इस हादसे ने पूरे देश में एयरलाइन सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने एयर इंडिया की कार्यप्रणाली और उड़ान सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संसद में विपक्ष ने विशेष चर्चा की मांग की है और नागरिक उड्डयन मंत्री से जवाब मांगा गया है।

दूसरी ओर, टाटा ग्रुप – जो इस समय एयर इंडिया का स्वामित्व संभाले हुए है – ने दुख जताते हुए कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग देंगे और पीड़ितों के परिवारों के पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा के राजनयिकों ने दुर्घटना पर शोक जताया है। ब्रिटेन सरकार ने मृतकों के परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने का वादा किया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसे भारत के इतिहास की सबसे त्रासद घटनाओं में से एक करार दिया है।

यह हादसा एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि तकनीकी प्रगति और उच्च स्तरीय एविएशन के बावजूद, मानव जीवन की नाजुकता बनी रहती है। इस दर्दनाक दुर्घटना ने भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अब सबकी निगाहें ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह पता चले कि आखिर क्यों 241 जिंदगियाँ यूँ ही बुझ गईं।

इस त्रासदी से सबक लेना न केवल भारत की जिम्मेदारी है, बल्कि पूरे वैश्विक विमानन समुदाय की भी। यदि सुरक्षा मानकों में चूक हुई है, तो उसे सख्ती से सुधारा जाना चाहिए।

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