Pune bridge collapse

Pune bridge collapse: तीन की दर्दनाक मौत, लापता लोगों की तलाश में प्रशासन अलर्ट

पुणे (महाराष्ट्र), 15 जून 2025: रविवार की शाम पुणे जिले के देहू गांव के कुंडमाला क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पैदल यात्री पुल अचानक ढह गया(Pune bridge collapse)। इस दर्दनाक हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई अन्य लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हादसे के वक्त पुल पर 50 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें कई स्थानीय श्रद्धालु और पर्यटक शामिल थे।

यह घटना न केवल एक संरचनात्मक विफलता का परिणाम है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और जन-सुरक्षा की अनदेखी का जीवंत उदाहरण भी बन गई है। घटना के बाद पूरे राज्य में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर स्तर पर अब जवाबदेही तय करने की बात हो रही है।

घटना का विवरण: कैसे हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर बाद 3:30 बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोग पुल पार कर रहे थे। यह पुल देहू में स्थित संत तुकाराम महाराज मंदिर के पास बना था और धार्मिक महत्व के चलते अक्सर भारी भीड़ का सामना करता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे से पहले पुल हिलने लगा था और फिर अचानक तेज आवाज के साथ उसका एक हिस्सा नदी में समा गया।

लोग चीखते-चिल्लाते रहे और कई लोग नदी में गिर गए। कुछ भाग्यशाली लोग स्वयं बाहर निकल आए या अन्य श्रद्धालुओं ने उन्हें खींचकर बचा लिया। लेकिन कई लोग तेज बहाव में बह गए और उनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है।

प्रशासन की तत्परता और राहत कार्य

हादसे की खबर मिलते ही जिला प्रशासन, फायर ब्रिगेड, पुलिस बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम मौके पर पहुंची। प्रशासन ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया। अब तक कुल 38 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है जबकि 8 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और पानी का बहाव तेज होने से सर्च ऑपरेशन में बाधाएं आ रही हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटनास्थल की निगरानी के लिए विशेष टीम तैनात की है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के संपूर्ण इलाज की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ली है।

संरचनात्मक लापरवाही और चेतावनियों की अनदेखी

स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह पुल कई वर्षों से जर्जर अवस्था में था। वर्षा ऋतु में अक्सर यह पुल डगमगाता था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। कई बार चेतावनी दी गई थी कि पुल की मरम्मत की जाए या यातायात पर नियंत्रण लगाया जाए, लेकिन हर बार उसे अनदेखा कर दिया गया।

यह पुल लगभग 30 वर्ष पुराना है और उसकी देखभाल में वर्षों से लापरवाही हो रही थी। घटनास्थल पर जमा भीड़ का आरोप है कि दुर्घटना से कुछ मिनट पहले ही पुल पर कंपन महसूस किया गया था, लेकिन मौके पर कोई पुलिस या प्रशासनिक कर्मी मौजूद नहीं था जो भीड़ को रोक सके।

भावनात्मक प्रभाव और लोगों की प्रतिक्रिया

देहू गांव धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां हर सप्ताह हजारों श्रद्धालु आते हैं। हादसे के बाद पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश की लहर है। मृतकों के परिवार शोक में डूबे हैं और लापता लोगों के परिजन बेसब्री से किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं। कई लोग प्रशासन की ढिलाई को जिम्मेदार मान रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “मैं अपने परिवार के साथ दर्शन करने आया था। अचानक कुछ लोग चिल्लाने लगे कि पुल हिल रहा है। फिर कुछ ही सेकंड में वो टूट गया। मेरी आंखों के सामने लोग नदी में गिरते चले गए।”

सरकारी प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह एक गंभीर प्रशासनिक विफलता है और इसकी जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि राज्य के सभी पुराने पुलों का जल्द से जल्द ऑडिट किया जाएगा और जहां जरूरी हो, वहां उनका पुनर्निर्माण या नवीनीकरण किया जाएगा।

राज्य सरकार अब इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए एक व्यापक नीति पर काम कर रही है, जिसमें पुराने ढांचों की समय-समय पर जांच, भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था और स्थानीय निकायों की जवाबदेही तय की जाएगी।

एक त्रासदी, एक चेतावनी

यह हादसा महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—हमारे सार्वजनिक ढांचों की जर्जर स्थिति, प्रशासन की सुस्ती और जनता की लापरवाही जब एक साथ होती हैं, तो जानें चली जाती हैं। अगर समय रहते इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में इससे भी भयावह घटनाएं हो सकती हैं।

हमें एक जागरूक नागरिक समाज के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। साथ ही प्रशासन को हर स्तर पर ईमानदारी और तत्परता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।


देश-दुनिया की ऐसी ही अहम खबरों के लिए पढ़ते रहिए – जनविचार

Admin

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

View all posts by Admin →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *