IND vs ENG 2nd test match

IND vs ENG 2nd test match: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने पहली बार Edgbaston में इंग्लैंड को 337 रनों से हराकर रचा इतिहास

IND vs ENG 2nd test match: भारत ने 6 जुलाई 2025 को क्रिकेट इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन (Edgbaston) मैदान पर भारत ने 337 रनों की धमाकेदार जीत दर्ज की, जो इस ऐतिहासिक स्थल पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी। इससे भी बड़ी बात यह रही कि टीम की कमान युवा कप्तान शुभमन गिल के हाथों में थी, जिन्होंने न केवल मैदान पर नेतृत्व का शानदार परिचय दिया, बल्कि अपने प्रदर्शन से भी सबका दिल जीत लिया।

शुभमन गिल: एक शांत कप्तान, तूफानी बल्लेबाज़

शुभमन गिल को लंबे समय से विराट कोहली और रोहित शर्मा के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इस टेस्ट सीरीज़ में उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ उत्तराधिकारी नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र नेतृत्वकर्ता हैं। पहले टेस्ट में नाबाद 127 रन और फिर दूसरे टेस्ट में दोनों पारियों में क्रमश: 78 और 161 रनों की लाजवाब पारियां, यह दर्शाता है कि वह अब सिर्फ प्रतिभावान खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक परिपक्व बल्लेबाज बन चुके हैं।

उनकी दूसरी पारी की 161 रनों की पारी खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण रही क्योंकि भारत ने तब तक इंग्लैंड पर पूरी तरह से दबाव बना लिया था, और इस पारी ने विपक्ष की रही-सही उम्मीदों को भी खत्म कर दिया। उनका फुटवर्क, टाइमिंग और स्ट्राइक रोटेशन अत्यंत प्रभावशाली रहा।

आकाश दीप और मोहम्मद सिराज: भारत के गेंदबाज़ी आक्रमण की नई धार

इस जीत में गेंदबाज़ों की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। खासकर आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने अपनी धारदार गेंदबाज़ी से इंग्लैंड को दो बार सस्ते स्कोर पर समेटा। आकाश दीप ने मैच में कुल 10 विकेट लिए — पहली पारी में 4 और दूसरी में 6। यह उनका केवल दूसरा टेस्ट मैच था, लेकिन उन्होंने अनुभवहीनता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।

मोहम्मद सिराज ने भी दोनों पारियों में सधी हुई गेंदबाज़ी की और अहम विकेट निकाले। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारत की गेंदबाज़ी को लेकर कुछ सवाल उठ रहे थे, लेकिन दीप और सिराज की जोड़ी ने यह साफ कर दिया कि भारत के पास अब तेज़ गेंदबाज़ों की कोई कमी नहीं।

एजबेस्टन की ऐतिहासिक जीत का अर्थ

एजबेस्टन का मैदान भारत के लिए लंबे समय से एक दु:स्वप्न रहा है। इससे पहले भारत ने इस मैदान पर नौ टेस्ट मैच खेले थे—जिसमें आठ में हार और एक ड्रॉ शामिल है। लेकिन इस बार हालात अलग थे। भारत न सिर्फ बेहतर टीम थी, बल्कि मानसिक रूप से भी अधिक तैयार नजर आई।

गेंद और बल्ले दोनों से भारत का प्रदर्शन संतुलित और आक्रामक रहा। टीम इंडिया ने पहली पारी में 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसमें गिल, श्रेयस अय्यर (92) और रवींद्र जडेजा (83) के अहम योगदान रहे। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 197 पर सिमट गई। फॉलोऑन न देकर भारत ने फिर से बल्लेबाज़ी की और दूसरी पारी में 121/3 पर घोषित कर इंग्लैंड को 512 रनों का लक्ष्य दिया। इंग्लैंड की दूसरी पारी 271 रनों पर समाप्त हो गई और भारत ने मैच 337 रनों से जीत लिया।

इंग्लैंड की गलतियाँ और भारत की मजबूती

इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कलम और कप्तान बेन स्टोक्स दोनों ने स्वीकार किया कि टॉस हारना और कुछ गलत रणनीतियाँ उनकी हार के बड़े कारण बने। उनके मुताबिक विकेट पर गेंदबाज़ों को ज्यादा मदद नहीं थी, फिर भी भारतीय तेज गेंदबाज़ों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह प्रेरणादायक था। इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी क्रम पूरी तरह बिखरा नजर आया, खासकर जो रूट और बेयरस्टो जैसे सीनियर खिलाड़ी पूरी तरह फ्लॉप रहे।

वहीं दूसरी ओर, भारत ने हर क्षेत्र में श्रेष्ठता दिखाई — बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग। विकेट के पीछे ऋषभ पंत की चुस्ती-फुर्ती, रविंद्र जडेजा की फील्डिंग और गेंदबाज़ों का अनुशासित प्रदर्शन एक टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण था।

ऐतिहासिक पल को सहेजना: स्टम्प को यादगार बनाना

मैच खत्म होते ही कप्तान शुभमन गिल, आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने मैदान से स्टम्प निकालकर स्मृति चिन्ह के रूप में अपने पास रख लिया। यह परंपरा भले ही क्रिकेट में नई नहीं हो, लेकिन जब यह किसी ऐतिहासिक जीत के बाद होती है, तो उसका महत्व बढ़ जाता है। यह स्टम्प सिर्फ लकड़ी के टुकड़े नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की संघर्ष और विजयगाथा का प्रतीक बन गए हैं।

एक जीत, कई उपलब्धियाँ

  • यह भारत की इंग्लैंड में टेस्ट मैचों में सबसे बड़ी जीत है (रनों के लिहाज से)।
  • भारत अब सबसे अधिक स्थानों पर टेस्ट जीतने वाली टीम बन गया है (कुल 60 अलग-अलग मैदान)।
  • आकाश दीप ने 10 विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब जीता।
  • शुभमन गिल इस सीरीज़ में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं।

आगे क्या?

अब सीरीज़ 1-1 से बराबरी पर है और अगला टेस्ट 10 जुलाई से लॉर्ड्स में खेला जाएगा। भारत इस आत्मविश्वास के साथ उतरेगा कि वह इंग्लैंड में सीरीज़ जीत सकता है। जसप्रीत बुमराह की संभावित वापसी और बल्लेबाज़ी क्रम की स्थिरता टीम को और मज़बूत बनाएगी।

इस जीत ने यह भी दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट अब केवल घरेलू पिचों पर जीत दर्ज करने वाली टीम नहीं है। यह टीम अब विदेशों में जाकर भी मुकाबले जीत सकती है, वो भी प्रभावशाली अंदाज़ में।

भारत की यह जीत केवल एक टेस्ट मैच की जीत नहीं है, बल्कि यह उस बदलते भारतीय क्रिकेट का संकेत है जहाँ युवा कप्तान नेतृत्व करता है, नई तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण विपक्ष को धराशायी करता है और टीम एकजुट होकर इतिहास रचती है। यह जीत क्रिकेट प्रेमियों के दिल में वर्षों तक बसेगी।

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