October 6, 2025
Axiom-4 mission

Axiom-4 mission: शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी, Axiom-4 मिशन से अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊंचाई

Axiom-4 mission: पूरा देश गर्वित है। भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के तहत 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में बिताने के बाद आज यानी 15 जुलाई 2025 को सफलता के साथ पृथ्वी पर वापसी की है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि वे भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने हैं जिन्होंने पृथ्वी से बाहर अंतरिक्ष में इतने दिन बिताए और वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया।

उनकी वापसी का समय भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार दोपहर लगभग 3:01 बजे था। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ के ज़रिए उन्हें सैन डिएगो के तट से कुछ दूरी पर प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन कराया गया।

यह सफर करीब 22.5 घंटे लंबा था, जिसमें कैप्सूल ने पृथ्वी के वातावरण में तीव्र गति से प्रवेश किया। जब वह पृथ्वी की कक्षा से निकला, तब बाहरी तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। लेकिन स्पेसएक्स की तकनीक ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह न सिर्फ अंतरिक्ष में जाने की, बल्कि सुरक्षित लौटने की भी गारंटी देता है।

शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान के स्तर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और वायुसेना में एक अनुभवी फाइटर पायलट रहे हैं।

उनकी इस यात्रा में सिर्फ व्यक्तिगत या पेशेवर संतुष्टि नहीं जुड़ी थी, बल्कि यह भारत के Gaganyaan मिशन की तैयारी का एक व्यावहारिक हिस्सा भी थी।

उन्होंने अंतरिक्ष में करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया, जिनमें पौधों की वृद्धि, सामग्री विज्ञान, और AI से जुड़े एक्सपेरिमेंट्स शामिल हैं। ISRO द्वारा विशेष रूप से भेजे गए ‘Sprouts Project’ का नेतृत्व भी शुक्ला ने किया।

उनकी वापसी पर उनके परिवार ने उत्तर प्रदेश में विशेष पूजा-अर्चना की। लखनऊ स्थित उनके विद्यालय सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में छात्रों ने टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देखा और तालियों की गूंज के साथ उनका स्वागत किया।

देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्य सरकारों ने उनकी इस ऐतिहासिक वापसी पर उन्हें बधाइयाँ दीं। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना की ओर से भी आधिकारिक तौर पर उनके योगदान को सराहा गया।

शुक्ला की वापसी सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं थी, यह एक भावनात्मक उत्सव था। इसने भारत के हर नागरिक को ये अहसास दिलाया कि आज का भारत वैश्विक स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बराबरी की भूमिका निभा रहा है।

Axiom Space द्वारा संचालित यह मिशन एक कमर्शियल मिशन था, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी और सरकारी भागीदारी की मिसाल बन गया। इस मिशन में अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन भी शामिल थीं, जिन्होंने पहले ही 600 से ज्यादा दिन अंतरिक्ष में बिताकर इतिहास रच दिया है।

इसके अलावा पोलैंड और हंगरी के भी अंतरिक्ष यात्री इस मिशन का हिस्सा थे। इस मिशन ने न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान को सहयोगी दिशा में मोड़ा, बल्कि दिखा दिया कि जब भारत जैसे विकासशील देश भी अंतरिक्ष क्षेत्र में कदम बढ़ाते हैं, तो पूरी दुनिया ध्यान देती है।

Axiom-4 से मिले अनुभवों का उपयोग अब ISRO के महत्वाकांक्षी Gaganyaan मिशन में होगा, जो कि भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान होगा और 2027 में लॉन्च किया जाएगा।

इस मिशन की सफलता में शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्रियों की भूमिका अत्यंत अहम होगी। उन्होंने अंतरिक्ष में रहने, वहां काम करने, वहां निर्णय लेने और वापस लौटने की सभी प्रक्रियाएं अनुभव की हैं—जो कि किसी भी क्रू सदस्य के लिए अत्यंत मूल्यवान साबित होती हैं।

शुभांशु शुक्ला की यात्रा से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भारत के युवा सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर नहीं, बल्कि वैज्ञानिक, अंतरिक्ष यात्री और इनोवेटर भी बन सकते हैं।

उनकी यात्रा भारतीय युवाओं को यह दिखाती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और विज्ञान के प्रति लगाव से आप न केवल अपने सपने पूरे कर सकते हैं, बल्कि देश को गर्वित भी कर सकते हैं।

शुभांशु शुक्ला की Axiom-4 मिशन से वापसी सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं थी, बल्कि यह भारत के लिए एक शक्तिशाली वैज्ञानिक विजय थी। यह मिशन उस मानसिकता का प्रतीक बन गया है जिसमें भारत अब विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में किसी भी वैश्विक महाशक्ति से पीछे नहीं रहना चाहता।

यह सिर्फ एक स्प्लैशडाउन नहीं था, यह एक ऐलान था—भारत अब अंतरिक्ष की होड़ में सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि लीडर बनने को तैयार है।

For more news keep reading Janavichar.

Kiran Mankar

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

View all posts by Kiran Mankar →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *