October 7, 2025
Bomb threats to Delhi schools

Bomb threats to Delhi schools: दिल्ली में 45 स्कूलों को मिली बम धमकी, डर, दहशत और चौकसी की कड़ी परीक्षा

Bomb threats to Delhi schools: शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को देश की राजधानी दिल्ली के लगभग 45 से अधिक स्कूलों को एक बार फिर से बम धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। यह इस सप्ताह की चौथी घटना है जब बच्चों के भविष्य और सुरक्षा से जुड़े संस्थानों को दहशतगर्दी के घेरे में लेने की कोशिश की गई है।

ईमेल में लिखा गया कि “स्कूल की कक्षा में काले प्लास्टिक बैग्स में कई विस्फोटक उपकरण (ट्रिनाइट्रोटोलुईन – TNT) रखे गए हैं” और इसके साथ धमकी दी गई कि “not a single soul will survive” यानी एक भी व्यक्ति नहीं बचेगा। इस धमकी ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को गहरे भय में डाल दिया है।

ईमेल की भाषा इतनी हिंसक और आक्रामक थी कि उसने न सिर्फ प्रशासन को तुरंत सक्रिय कर दिया, बल्कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिवारों को भी गहरे मानसिक तनाव में डाल दिया।

किन स्कूलों को मिली धमकी?

दिल्ली पुलिस और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन स्कूलों को धमकी मिली उनमें ये प्रमुख नाम सामने आए हैं:

  • Richmond Global School, पश्चिम विहार
  • Abhinav Public School, रोहिणी सेक्टर 3
  • GD Goenka School, द्वारका
  • Heritage School, रोहिणी
  • Sovereign School, रोहिणी
  • Delhi Public School, RK Puram, मथुरा रोड और रोहिणी
  • Faith Academy, प्रसाद नगर
  • Maxfort Junior School, पीतमपुरा
  • St Xavier’s Sr Sec School, सिविल लाइन्स
  • Cambridge Foundation School, राजौरी गार्डन
  • Amity International School, साकेत
  • Summerfield International School, साउथ दिल्ली
  • Delhi Jain Public School, पालम
  • Big Feather International School
  • The British School, चाणक्यपुरी
  • Kulachi Hansraj Model School, अशोक विहार
  • Guru Nanak School, पीतमपुरा
  • St Thomas School, द्वारका

इन सभी स्कूलों को सुबह-सुबह धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए, जिससे स्कूल प्रशासन ने तुरंत अलर्ट जारी कर पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया।

धमकी का पैटर्न

इस सप्ताह की शुरुआत से ही दिल्ली और बेंगलुरु के स्कूलों में बम धमकी मिलने का सिलसिला शुरू हुआ है। बुधवार को 20 से अधिक स्कूलों को धमकी मिली थी। गुरुवार को भी इसी तरह की ईमेल धमकियां सामने आईं। शुक्रवार को यह संख्या 45 से भी अधिक पहुंच गई।

हैरान करने वाली बात यह है कि धमकी भेजने वाले की भाषा और स्टाइल हर दिन एक जैसी रही है, जिससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि यह काम किसी एक ही व्यक्ति या संगठित गिरोह का है जो बार-बार डर का माहौल बना रहा है।

ईमेल में आत्महत्या, मेडिकल इंडस्ट्री से नाराजगी और समाज के प्रति गुस्से की भावना झलक रही है, जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि धमकी देने वाला मानसिक रूप से अस्थिर हो सकता है।

सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई

दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ते और फायर ब्रिगेड की टीमों ने तुरंत इन स्कूलों में सघन तलाशी अभियान चलाया। स्कूलों को खाली कराया गया, छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और परिसर को पूरी तरह सील कर दिया गया।

अब तक किसी भी स्कूल में विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। इससे यह संकेत मिलता है कि यह धमकियां फर्जी हो सकती हैं लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे ईमेल भेजने वाले व्यक्ति या समूह की पहचान में जुटे हुए हैं। यह भी सामने आया है कि ईमेल भेजने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और विदेशी सर्वर का उपयोग किया गया, जिससे पहचान पाना कठिन हो गया है।

साइबर क्राइम यूनिट को भी इस केस में लगाया गया है, जो ईमेल के डिजिटल सिग्नेचर और रूट ट्रैकिंग के जरिए आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

बच्चों और अभिभावकों में भय

लगातार मिल रही बम धमकियों से दिल्ली के बच्चों में मानसिक अस्थिरता देखने को मिल रही है। कई अभिभावकों ने स्कूलों से छुट्टी लेने और बच्चों को ऑनलाइन मोड में पढ़ाने की मांग की है।

माता-पिता की चिंता जायज़ है क्योंकि वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब शंकित हैं। कई स्कूलों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को तुरंत मजबूत किया है, जिनमें प्रवेश द्वार पर अतिरिक्त गार्ड, बैग चेकिंग, और CCTV निगरानी शामिल हैं।

राजनीतिक बयानबाज़ी और SOP

इस घटना के बाद दिल्ली की राजनीति भी गर्मा गई है। आप पार्टी की नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री आतिशी ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। वहीं भाजपा ने इसे राजनीतिकरण बताया और कहा कि जांच एजेंसियां तेजी से काम कर रही हैं।

दिल्ली सरकार ने मई 2025 में ही बम धमकियों से निपटने के लिए एक SOP (Standard Operating Procedure) जारी किया था। इसके अंतर्गत सभी स्कूलों को सुरक्षा ऑडिट, फायर ड्रिल्स और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली लागू करनी थी।

हालांकि अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन SOPs का पालन ज़मीन पर सही तरीके से हो रहा है या नहीं?

मानसिक स्वास्थ्य का पहलू

ईमेल में जिस तरह से मानसिक अशांति और आत्महत्या की बातें लिखी गईं हैं, उससे यह भी स्पष्ट है कि यह केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का भी गंभीर विषय बन चुका है।

हमें इस बात पर भी गंभीरता से ध्यान देना होगा कि किस तरह समाज में असंतुलित मानसिक स्थिति वाले व्यक्ति इस तरह की हिंसा की धमकी देने तक पहुँच रहे हैं।

समाज को स्कूलों और कार्यस्थलों में मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार और हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने की ज़रूरत है।

यह धमकी भरी घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि आज के समय में केवल भौतिक सुरक्षा ही काफी नहीं है। हमें डिजिटल, मानसिक और सामुदायिक सुरक्षा का भी पूरा इंतज़ाम करना होगा।

स्कूलों को चाहिए कि वे सुरक्षा प्रशिक्षण, बच्चों के लिए परामर्श सत्र और आपातकालीन अभ्यास को नियमित करें। सरकार को चाहिए कि वह साइबर जांच एजेंसियों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करे ताकि VPN और विदेशी IP के पीछे छिपे लोगों को भी पकड़ा जा सके।

जब तक दोषी पकड़े नहीं जाते, तब तक स्कूलों को अलर्ट रहना होगा।

इस बीच, दिल्लीवासियों को भी चाहिए कि वे अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचना पर ही विश्वास करें। यह समय एकजुटता, समझदारी और धैर्य का है।

“जनता की सुरक्षा, बच्चों का भविष्य और शिक्षा की गरिमा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। डर से नहीं, सतर्कता और संवेदनशीलता से हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।”

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