FIR on Indian’s Got Latent: प्रसिद्ध स्टैंडअप कॉमेडियन और रियलिटी कॉमेडी शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के होस्ट समय रैना के खिलाफ कानूनी मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर अरुणाचल प्रदेश में शो के एक मेंबर-ओनली एपिसोड को लेकर दर्ज की गई है, जिसमें राज्य के लोगों के प्रति कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।
शिकायत अरुणाचल प्रदेश की निवासी जेसी नबाम के बयान को लेकर दर्ज की गई है। एपिसोड के दौरान जब जेसी अपने राज्य के बारे में बात कर रही थीं, तब समय रैना ने उनसे पूछा, “क्या आपने कभी कुत्ते का मांस खाया है?” इस पर जेसी ने जवाब दिया कि अरुणाचल प्रदेश में कुछ लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, लेकिन उन्होंने खुद कभी नहीं खाया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके कुछ दोस्त इसे खाते हैं और कभी-कभी अपने पालतू जानवरों को भी खाते हैं।
समय रैना के इस सवाल पर साथी होस्ट बलराज सिंह घई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे जेसी यह बात सिर्फ कहने के लिए कह रही हैं। हालांकि, जेसी ने इस बात पर जोर दिया कि यह सच है। एपिसोड में जजों के पैनल में कॉमेडियन आकाश गुप्ता और मल्लिका दुआ भी शामिल थे। शो के इस हिस्से को सोशल मीडिया पर वायरल होते देर नहीं लगी, जिससे लोगों के बीच आक्रोश फैल गया।
31 जनवरी, 2025 को ईटानगर में दर्ज हुई एफआईआर
यह एफआईआर अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के सेप्पा निवासी अरमान राम वेली बखा द्वारा 31 जनवरी को ईटानगर पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि शो में जेसी नबाम और अन्य ने अरुणाचल प्रदेश के निवासियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनका कहना है कि इस तरह की टिप्पणियाँ न केवल एक समुदाय विशेष के लिए अपमानजनक हैं, बल्कि इससे सांस्कृतिक असहिष्णुता भी बढ़ती है।
एफआईआर में पुलिस से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। शिकायत में समय रैना, शो के अन्य होस्ट और कंटेस्टेंट के नाम भी शामिल हैं।
समाज में इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में मानते हैं, जबकि अन्य इसे एक समुदाय के प्रति असम्मानजनक व्यवहार मानते हैं। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कॉमेडी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच सीमाएं कहाँ तय की जानी चाहिए।
विवाद के बाद शो के निर्माता और संबंधित प्रतिभागियों पर भी दबाव बढ़ रहा है। फिलहाल शो के निर्माताओं ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं, समय रैना और बलराज सिंह घई से भी इस मामले में प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में आगे की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि कोर्ट इसे सांस्कृतिक असहिष्णुता के रूप में देखता है या नहीं। ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि सार्वजनिक मंचों पर की गई टिप्पणियाँ कितनी संवेदनशील हो सकती हैं।
आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं क्योंकि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जनता और मीडिया की नजरें अब इस केस की प्रगति पर टिकी हुई हैं।