Mahakumbh Magh Purnima: माघ पूर्णिमा स्नान: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, AI-सक्षम कैमरों और ड्रोन से निगरानीबुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई।
सुबह के समय ड्रोन से ली गई तस्वीरों में संगम के घाटों और आसपास के क्षेत्रों में भारी भीड़ नजर आई। श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने संगम में स्नान किया, इस दौरान हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा (पुष्प वर्षा) की गई, जिससे भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
#WATCH | Pilgrims continue to arrive in UP’s Prayagraj which is hosting the Mahakumbh, on the auspicious day of Maghi Purnima#KumbhofTogetherness pic.twitter.com/KUlURgtwMb
— ANI (@ANI) February 12, 2025
अतिरिक्त मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, “इस बार स्नान के लिए अप्रत्याशित भीड़ आई है।” उन्होंने यह भी बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और स्नान पूरे दिन चलेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अब तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं।
महाकुंभ: माघ पूर्णिमा स्नान से जुड़े मुख्य बिंदु
- माघ पूर्णिमा स्नान का महत्व: माघ पूर्णिमा के दिन त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम) में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा का चौथा ‘अमृत स्नान’ 12 फरवरी, बुधवार को हुआ। मेले के अधिकारियों और राज्य सरकार ने विशाल जनसैलाब को संभालने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की थीं।
- कल्पवास की समाप्ति: माघ पूर्णिमा का दिन उन कल्पवासियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है, जो पूरे महीने संगम क्षेत्र में रहकर तपस्या और साधना करते हैं। कल्पवास 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ था और अब इसका समापन हो रहा है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुभकामनाएँ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों, संत समाज और सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि इस दिन स्नान, दान और पूजन का विशेष महत्व है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी श्रद्धालु, कल्पवासी या नागरिक को कोई असुविधा न हो।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज को ‘नो-व्हीकल जोन’ घोषित किया गया है, केवल आपातकालीन वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी गई है।
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) वैभव कृष्ण ने लोगों से अपील की है कि वे सही जानकारी के लिए यूपी पुलिस के आधिकारिक X (ट्विटर) और फेसबुक पेज को फॉलो करें।
इसके अलावा, सार्वजनिक और निजी वाहनों के लिए नामित पार्किंग स्थलों को चिह्नित किया गया है ताकि यातायात बाधित न हो।
डिजिटल सुरक्षा और निगरानी
मेला क्षेत्र में भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सक्षम कैमरे और ड्रोन तैनात किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि टोल प्लाजाओं से वास्तविक समय में डेटा इकट्ठा किया जा रहा है, और आसपास के जिलों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे आने वाले वाहनों की संख्या और मार्गों पर नजर रखें ताकि भीड़ नियंत्रण किया जा सके।
चिकित्सा सुविधाएँ और आपातकालीन सेवाएँ
महाकुंभ में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। सभी प्रमुख अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- पूरे मेले क्षेत्र में 133 एंबुलेंस तैनात की गई हैं, जिनमें 125 सड़क एंबुलेंस, सात नदी एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस शामिल है।
- महाकुंभ मेले के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव दुबे के अनुसार, मेला क्षेत्र में 2,000 से अधिक चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया गया है, और स्वारूप रानी नेहरू (SRN) अस्पताल में अतिरिक्त 700 कर्मी अलर्ट पर रखे गए हैं।
- SRN अस्पताल में 250 आरक्षित बेड और 200 यूनिट रक्त की व्यवस्था की गई है।
- महाकुंभ नगर के सभी 43 अस्पतालों में भी आपातकालीन सेवाओं के लिए पूरी तैयारियाँ कर ली गई हैं।
यात्रा और परिवहन व्यवस्थाएँ
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे और बस सेवाओं में विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही प्रयागराज रेलवे स्टेशन सहित आठ रेलवे स्टेशनों का निरीक्षण किया था और व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी।
इसके अलावा, राज्य परिवहन विभाग ने 1,200 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है, जो हर 10 मिनट में उपलब्ध होंगी।
महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ यह भव्य मेला, जो हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। इस वर्ष का महाकुंभ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगा।
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति और समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रशासन की बेहतर व्यवस्थाओं और सुरक्षा उपायों के चलते श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ संगम में पवित्र स्नान कर अपने आध्यात्मिक जीवन को और पावन बना लिया।