Ranveer Allahbadia Controversy

Ranveer Allahbadia Controversy: महाराष्ट्र साइबर विभाग ने एक गंभीर मामला दर्ज किया है, जिसमें यूट्यूबर समय रैना पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ का विवादित एपिसोड जानबूझकर अपलोड किया ताकि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे और समाज में अशांति फैले।

एफआईआर में खास तौर पर उस घटना का जिक्र किया गया है, जिसमें महिलाओं और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। विभाग के अनुसार, ये टिप्पणियां सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकती हैं और समाज में भेदभाव को बढ़ावा दे सकती हैं।

समय रैना ने डिलीट किए सारे वीडियो, बोले- ‘अब और सहन नहीं कर सकता’

मामले के तूल पकड़ने के बाद समय रैना ने अपने यूट्यूब चैनल से ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सभी वीडियो हटा दिए। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि यह उनके लिए ‘बहुत अधिक हो गया’ और अब वे इस विवाद से और नहीं निपटना चाहते।

यूट्यूब ने हटाया विवादित एपिसोड, संसद में उठा मामला

रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में की गई विवादास्पद टिप्पणियों के चलते मुंबई पुलिस उनके घर पूछताछ के लिए पहुंची। इस मामले में तेजी से बढ़ते आक्रोश को देखते हुए यूट्यूब ने इस एपिसोड को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। मामला इतना बढ़ गया कि इसे संसद में भी उठाया गया।

रणवीर अल्लाहबादिया, जिनके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 1.6 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, तब विवादों में घिर गए जब उनकी एक क्लिप वायरल हो गई। इसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी और अपनी टिप्पणी को ‘गलत निर्णय’ करार दिया।

NCW ने रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना और अन्य को किया तलब

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना, अपूर्वा मखीजा, जसप्रीत सिंह और आशीष चंचलानी को तलब किया है। इसके अलावा, शो के प्रोड्यूसर तुषार पूजारी और सौरभ बोथरा को भी पेश होने के लिए कहा गया है।

NCW ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “इन टिप्पणियों ने जनता में भारी आक्रोश पैदा किया है और यह हर व्यक्ति की गरिमा व सम्मान का उल्लंघन करती हैं, खासकर एक ऐसे समाज में जो समानता और आपसी सम्मान को महत्व देता है। इसे ध्यान में रखते हुए, अध्यक्ष विजय रहाटकर के निर्देशानुसार, एक सुनवाई आयोजित की जा रही है, जहां इन कंटेंट क्रिएटर्स को अपने बयानों पर सफाई देनी होगी।”

संसद में उठी सोशल मीडिया पर सेंसरशिप की मांग

शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और सोशल मीडिया कंटेंट के लिए कानून बनाने की मांग की। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, “इन्फ्लुएंसर्स द्वारा किए गए अनुचित बयानबाजी पर सेंसरशिप होनी चाहिए। मैंने आज संसद में यह मामला उठाया है और सुझाव दिया कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो समाज में नकारात्मकता फैलाते हैं।”

यह मामला सिर्फ एक एपिसोड का विवाद नहीं रहा, बल्कि अब यह डिजिटल कंटेंट की सीमाओं और सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम जिम्मेदारी की बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। आगे देखना होगा कि साइबर विभाग की जांच और कानूनी प्रक्रियाएं क्या मोड़ लेती हैं।

 

By Admin

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *