US Deportees:
अमृतसर: शनिवार देर रात एक अमेरिकी सैन्य विमान 119 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। यह पिछले दस दिनों में दूसरी बार है जब अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय अवैध प्रवासियों को स्वदेश लौटाया गया है।
STORY | Plane carrying second batch of 116 deportees from US lands in Amritsar
READ: https://t.co/d9vn1bjXYN
VIDEO | Visuals from outside Amritsar International Airport, Punjab. pic.twitter.com/BJsaMNPhag
— Press Trust of India (@PTI_News) February 15, 2025
पहली बार 5 फरवरी को, एक अमेरिकी सैन्य विमान ने 104 भारतीय प्रवासियों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा था। अब, दूसरी खेप के रूप में 119 लोगों को भारत भेजा गया है, और खबरों के मुताबिक, रविवार को एक और विमान 157 भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचेगा।
इस बड़े पैमाने पर निर्वासन के पीछे अमेरिकी सरकार की कड़ी आव्रजन नीति है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने सख्ती से लागू किया था। यह नीति उन प्रवासियों पर केंद्रित है जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे थे।
अमृतसर एयरपोर्ट पर, भारतीय अधिकारियों ने इन प्रवासियों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से संभाला। इन सभी लोगों के दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें उनके संबंधित राज्यों के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इन 119 प्रवासियों में से 67 पंजाब के हैं, 33 हरियाणा से, 8 गुजरात से, 3 उत्तर प्रदेश से, 2 गोवा और महाराष्ट्र से, और 1-1 राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तथा जम्मू-कश्मीर से हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह एक संवेदनशील मुद्दा है और हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इन सभी लोगों के साथ उचित व्यवहार किया जाए। उनकी सुरक्षा और सम्मान हमारी प्राथमिकता है।”
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि ये निर्वासन अंतरराष्ट्रीय आव्रजन कानूनों के अनुसार किए जा रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम अपने देश के आव्रजन कानूनों को लागू करें और यह सुनिश्चित करें कि जो लोग अवैध रूप से यहां रह रहे हैं, वे अपने मूल देशों को वापस लौटें।”
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि अवैध आव्रजन को रोकने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
वहीं, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में इस विषय पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ परिवार अपने प्रियजनों की वापसी से खुश हैं, जबकि कई लोग निराश हैं क्योंकि इन प्रवासियों ने बेहतर भविष्य की उम्मीद में अमेरिका का रुख किया था।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के निर्वासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन राज्यों पर जहां से बड़ी संख्या में लोग विदेशों में नौकरी के लिए जाते हैं।
हालांकि, भारतीय सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह इन लौटे हुए नागरिकों के पुनर्वास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम इन युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उन्हें अपने ही देश में बेहतर भविष्य मिल सके।”
इस बीच, मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि निर्वासन के दौरान लोगों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
अमृतसर एयरपोर्ट पर इन प्रवासियों की वापसी के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि अवैध प्रवासियों की वापसी का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है और भारत तथा अमेरिका दोनों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मुद्दा बन गया है।