नई दिल्ली: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हादसे में कई लोग घायल हुए, और इस घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी। रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आम यूजर्स ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग तेज़ कर दी। कुछ ही घंटों में ‘रेल मंत्री इस्तीफा दो’ हैशटैग ट्रेंड करने लगा, और करीब 50 हजार से अधिक पोस्ट के साथ यह देशभर में चर्चा का विषय बन गया।
BREAKING NEWS 🚨
I am sorry but Railway Management is Useless! After Kumba now New Delhi Railway station Stampede ,💔💔
See the fitness of incident happenedpic.twitter.com/Amy5JpLK3E
— Ashish Singh (@AshishSinghKiJi) February 15, 2025
Credit: Ashish Singh
घटना का विवरण: शनिवार रात, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण अचानक भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की संख्या सामान्य से कहीं अधिक थी, और अचानक ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह से अफरा-तफरी मच गई। इस भगदड़ में कई यात्रियों को गंभीर चोटें आईं, जबकि कुछ लोगों को मामूली चोटें लगने की खबर है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे, लेकिन भीड़ की अप्रत्याशित संख्या के कारण हालात बेकाबू हो गए।
सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा: हादसे के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा। एक्स पर लोगों ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही और भीड़ नियंत्रण के अभाव पर सवाल उठाए। कई यूजर्स ने रेलवे की अव्यवस्था के लिए सीधे तौर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को जिम्मेदार ठहराया और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे।
एक यूजर ने लिखा, “जब तक रेल मंत्री इस्तीफा नहीं देते, तब तक न्याय नहीं मिलेगा! यात्रियों की जान इतनी सस्ती नहीं हो सकती।”
वहीं, एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “रेलवे के डिजिटल इंडिया के सपने दिखाने से पहले ग्राउंड पर व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लो। हर साल ऐसे हादसे होते हैं और कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: घटना के बाद विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय पर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “रेलवे में सुरक्षा के नाम पर केवल कागजी वादे किए जाते हैं। जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे।”
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए कहा, “रेल मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। यह केवल हादसा नहीं, प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।”
रेल मंत्री की प्रतिक्रिया: हालांकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और तुरंत उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले की निगरानी कर रहा हूं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
आगे की राह: यह हादसा एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक और बेहतर योजना की जरूरत है।
जनता का आक्रोश यह दर्शाता है कि अब केवल जांच और आश्वासन से काम नहीं चलेगा। सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
क्या रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग जायज है या प्रशासनिक सुधारों से हालात सुधर सकते हैं? यह बहस अब पूरे देश में छिड़ चुकी है। ‘जन विचार’ के पाठक इस मुद्दे पर अपनी राय नीचे कमेंट में साझा कर सकते हैं।