Gold Prices

Gold Prices: सोने की कीमतों ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड: वैश्विक अस्थिरता और बढ़ती मांग बनी वजह

Gold Prices: हाल ही में, सोने की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो निवेशकों और आम जनता के बीच चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है। 5 फरवरी, 2025 को, भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹85,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई, जो अब तक का सर्वोच्च मूल्य है।

इस वृद्धि के पीछे कई वैश्विक और स्थानीय कारक हैं, जो सोने की मांग और मूल्य को प्रभावित कर रहे हैं।

वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिकी नीतियाँ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों और टैरिफ संबंधी फैसलों ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा की है। चीन, मैक्सिको, और कनाडा पर लगाए गए टैरिफ ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ाई है, जिससे वे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।

केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद

चीन सहित कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए सोने की खरीद बढ़ा दी है। इससे सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जो कीमतों में उछाल का एक प्रमुख कारण है।

अमेरिकी डॉलर की कमजोरी

अमेरिकी डॉलर में कमजोरी ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। डॉलर के कमजोर होने से सोना अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सस्ता हो जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है और कीमतों में वृद्धि होती है।

महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता

वैश्विक महंगाई दर में वृद्धि और आर्थिक अनिश्चितता के बीच, निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। महंगाई के दौरान, सोना मूल्य संरक्षण का एक साधन बनता है, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ती हैं।

घरेलू बाजार में मांग

भारत में शादियों और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग पारंपरिक रूप से बढ़ती है। इस मौसमी मांग ने भी कीमतों में वृद्धि में योगदान दिया है। इसके अलावा, रुपये की विनिमय दर में गिरावट ने आयातित सोने की कीमतों को बढ़ाया है, जिससे स्थानीय बाजार में सोने के दाम बढ़े हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्तमान वैश्विक और स्थानीय परिस्थितियाँ बनी रहती हैं, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जबकि भारतीय बाजार में यह ₹90,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू सकता है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की गतिशीलता और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नज़र रखें, ताकि सूचित और समझदारीपूर्ण निवेश निर्णय ले सकें।

सोने की कीमतों में यह ऐतिहासिक वृद्धि कई कारकों का परिणाम है, जिसमें वैश्विक व्यापार तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीद, डॉलर की कमजोरी, महंगाई, और घरेलू मांग शामिल हैं। निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इन कारकों को समझें और अपने निवेश निर्णयों में सतर्कता बरतें।

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