Meloni Speaks on Trump and Modi: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में वीडियो लिंक के जरिए एक जोरदार भाषण दिया। उन्होंने वैश्विक स्तर पर उभर रहे दक्षिणपंथी नेताओं के खिलाफ “लिबरल नेटवर्क” की आलोचना करते हुए उन पर हाइपोक्रिसी (ढोंग) और हिस्टीरिया (उन्माद) फैलाने का आरोप लगाया। मेलोनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की तारीफ की, साथ ही “एलिट्स” और वामपंथी राजनेताओं पर निशाना साधा।
Italian PM Giorgia Meloni:
The Left is nervous & with Trump’s victory, their irritation has turned into hysteria because we are uniting.
Today, when Trump, Maloni, Millay or maybe MODI talk, they are called a threat to democracy. But people will keep voting us…. pic.twitter.com/aJHQMzPPjd
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) February 22, 2025
Credit: Megh Updates
मेलोनी ने कहा कि लिबरल्स दक्षिणपंथी नेताओं के उभार से बेहद नाराज हैं, खासकर तब से जब से डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा, “जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वैश्विक वामपंथी लिबरल नेटवर्क बनाया था, तो उन्हें राजनेता कहा जाता था। आज जब ट्रंप, मेलोनी, (जेवियर) माइले या शायद (नरेंद्र) मोदी बोलते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा कहा जाता है। यह वामपंथ की दोहरी मानसिकता है, लेकिन हम इसकी आदी हो चुके हैं। अच्छी खबर यह है कि लोग अब उनके झूठ पर विश्वास नहीं करते। वे हम पर कीचड़ उछालते हैं, लेकिन नागरिक लगातार हमें वोट दे रहे हैं।”
इटली की प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप को एक दृढ़ नेता बताया, जो बाहरी दबावों के बावजूद वैश्विक रूढ़िवादियों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, “वामपंथी नर्वस हैं, और ट्रंप की जीत के साथ, उनकी चिड़चिड़ाहट हिस्टीरिया में बदल गई है। ऐसा न केवल इसलिए क्योंकि रूढ़िवादी जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि अब रूढ़िवादी वैश्विक स्तर पर सहयोग कर रहे हैं।”
मेलोनी, जो खुद इटली की दक्षिणपंथी पार्टी “ब्रदर्स ऑफ इटली” की नेता हैं, जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाली एकमात्र यूरोपीय संघ की प्रमुख थीं। उन्होंने अपने भाषण में यह भी जोर दिया कि दक्षिणपंथी नेता अब सिर्फ अपने-अपने देशों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह वैश्विक स्तर पर एक नई राजनीतिक धारा का संकेत है, जो लिबरल्स को बेचैन कर रही है।
मेलोनी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और कहा कि उन्हें भी वामपंथी हमलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “मोदी जैसे नेता, जो अपने देश की संस्कृति और पहचान को बचाने की बात करते हैं, उन्हें भी लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि लोग उन पर भरोसा करते हैं और उनके नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहते हैं।”
इस भाषण के बाद से ही मेलोनी के बयानों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि उनकी यह टिप्पणी न केवल अमेरिका और यूरोप में, बल्कि एशिया में भी राजनीतिक बहस को नई दिशा दे सकती है। भारत में भी मोदी सरकार के समर्थकों ने मेलोनी के बयान का स्वागत किया है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे “दक्षिणपंथी प्रोपेगैंडा” करार दिया है।
मेलोनी का यह भाषण साफ तौर पर दिखाता है कि वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथी नेताओं का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। वामपंथी ताकतें इससे बेचैन हैं, लेकिन जनता का समर्थन दक्षिणपंथी नेताओं के साथ है। यह न केवल अमेरिका और यूरोप में, बल्कि भारत जैसे देशों में भी साफ देखा जा सकता है। आने वाले समय में यह राजनीतिक धारा कैसे विकसित होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।