Abu Azmi

Abu Azmi: अबू आज़मी ने औरंगज़ेब पर दिया बयान वापस लिया, विवाद पर कहा – अब इस मुद्दे को खत्म करें

Abu Azmi controversial statement: समाजवादी पार्टी (सपा) के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आज़मी ने हाल ही में मुगल शासक औरंगज़ेब को “अच्छा प्रशासक” कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। इस बयान के बाद उन्हें तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने अपना बयान वापस लेते हुए इस मुद्दे को समाप्त करने की इच्छा जताई।

अबू आज़मी ने अपने बयान में कहा था कि इतिहास में औरंगज़ेब की छवि को तोड़ा-मरोड़ा गया है और वह उतने क्रूर शासक नहीं थे जितना उन्हें प्रस्तुत किया जाता है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और विभिन्न दलों के नेताओं ने उनकी आलोचना की। विशेष रूप से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने उनके इस बयान को आड़े हाथों लिया। भाजपा विधायक नितेश राणे ने विधानसभा में कहा कि “औरंगज़ेब का स्टेटस रखने वाले, वंदे मातरम नहीं बोलने वाले लोग गद्दार हैं। ऐसे लोगों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए।”

इस विवाद के बीच, अबू आज़मी को जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। उनके निजी सचिव के नंबर पर धमकी भरा फोन आया, जिसमें उन्हें औरंगज़ेब का समर्थन करने पर गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई।

बढ़ते दबाव और आलोचनाओं के बीच, अबू आज़मी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को समाप्त करना चाहते हैं और आगे इस पर कोई विवाद नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था और यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह खेद व्यक्त करते हैं।

यह पहली बार नहीं है जब अबू आज़मी अपने बयानों के कारण विवादों में घिरे हैं। पिछले साल, लव जिहाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि हिंदू महिलाओं को भगवाधारी लोग बहका रहे हैं और यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उठाया जा रहा है।

इसके अलावा, बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा जारी विज्ञापन के बाद, सपा ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से अलग होने की घोषणा की थी। अबू आज़मी ने शिवसेना पर हिंदुत्व एजेंडा अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह सपा की विचारधारा के खिलाफ है।

इन घटनाओं के बाद, महाराष्ट्र की राजनीति में सपा की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। एमवीए से अलग होने के बाद, सपा की राजनीतिक रणनीति और आगामी चुनावों में उसकी स्थिति पर चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सपा को राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनानी होगी।

अबू आज़मी के औरंगज़ेब पर दिए गए बयान और उसके बाद की घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि इतिहास और सांप्रदायिक मुद्दों पर नेताओं के बयानों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय नेताओं को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि समाज में विभाजन और तनाव न बढ़े।

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