Abu Azmi suspended from assembly: महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आसिम आजमी को मुगल शासक औरंगज़ेब पर की गई टिप्पणी के कारण निलंबित कर दिया गया है। उनकी इस टिप्पणी ने राज्य की राजनीति में तीव्र विवाद उत्पन्न किया है, जिससे विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
Maharashtra Assembly Update | SP MLA Abu Azmi suspended from the Budget Session of the House over his statement on Aurangzeb.
A motion against him was moved in the House by Maharashtra Parliamentary Affairs Minister Chandrakant Patil. The House passed the motion.
(Pics:… pic.twitter.com/tNQqfKLCM6
— ANI (@ANI) March 5, 2025
विवादित टिप्पणी और निलंबन:
पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार में, अबू आजमी ने औरंगज़ेब को केवल एक क्रूर शासक के रूप में नहीं, बल्कि एक महान प्रशासक के रूप में प्रस्तुत किया, जिन्होंने मंदिरों का निर्माण भी किया था। उन्होंने यह भी कहा कि औरंगज़ेब के शासनकाल में भारत की सीमाएँ अफगानिस्तान और बर्मा (अब म्यांमार) तक विस्तृत थीं। इसके अलावा, आजमी ने यह दावा किया कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगज़ेब के बीच का संघर्ष धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक था।
इन टिप्पणियों के बाद, महाराष्ट्र विधानसभा ने आजमी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, आजमी ने इसे “अन्यायपूर्ण” और “उन लाखों लोगों के प्रति अन्याय” करार दिया, जिन्हें वे प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राज्य में दो तरह के कानून हैं—एक उनके लिए और दूसरा अन्य नेताओं के लिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आजमी को “देशद्रोही” कहते हुए उनकी आलोचना की और कहा कि उन्हें विधानसभा में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। शिंदे ने आरोप लगाया कि आजमी लगातार छत्रपति शिवाजी और संभाजी महाराज का अपमान करते रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस निलंबन की आलोचना करते हुए इसे “सच को दबाने का प्रयास” कहा। उन्होंने कहा कि अगर निलंबन विचारधारा से प्रभावित होने लगें, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दमन के बीच का अंतर मिट जाएगा।
इतिहास के प्रति दृष्टिकोण:
यह विवाद इस बात को उजागर करता है कि इतिहास के प्रति दृष्टिकोण कैसे वर्तमान राजनीतिक संदर्भ में विभाजित हो सकते हैं। औरंगज़ेब का शासनकाल भारतीय इतिहास में विवादित रहा है, और विभिन्न समुदायों और राजनीतिक दलों के बीच उनकी विरासत पर मतभेद हैं। आजमी की टिप्पणी ने इस संवेदनशील मुद्दे को फिर से सतह पर ला दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ा है।
अबू आजमी का निलंबन और उनकी टिप्पणी पर उत्पन्न विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में इतिहास, विचारधारा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाता है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि सार्वजनिक व्यक्तित्वों को अपने बयानों में सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर जब वे संवेदनशील ऐतिहासिक मुद्दों से संबंधित हों। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोकतांत्रिक समाज में विभिन्न दृष्टिकोणों के प्रति सहिष्णुता और संवाद बना रहे, ताकि समाज में समरसता और समझ बढ़ सके।