Ahmedabad Air India crash: अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया हादसे के बाद, हादसे की जांच को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। दुर्घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) को बरामद कर लिया गया है। यह ब्लैक बॉक्स अब जांच एजेंसियों के हाथों में है और इसके जरिए हादसे के असली कारणों का खुलासा होने की उम्मीद की जा रही है।
#AirIndiaCrash : Black box found on the rooftop.
— Ashoke Raj (@Ashoke_Raj) June 13, 2025
Contrary to some reports, the video recorder being circulated is not the DFDR (Digital Flight Data Recorder). The black box was found on the rooftop.
AAIB began work with full force immediately. Over 40 staff from the State… pic.twitter.com/95ZyDgCNXc
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स दरअसल दो अलग-अलग रिकॉर्डिंग यंत्रों का समूह होता है:
- फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) – यह विमान की ऊंचाई, गति, ईंजन की स्थिति, नियंत्रण प्रणाली, मौसम आदि का तकनीकी डेटा रिकॉर्ड करता है।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) – यह पायलट और सह-पायलट के बीच हुई बातचीत, चेतावनी संकेत और किसी भी तरह की अजीब आवाजों को कैद करता है।
यह उपकरण विमान के पिछले हिस्से में सुरक्षित स्थान पर लगाया जाता है, जिससे वह दुर्घटना की स्थिति में भी बच सके।
ब्लैक बॉक्स कैसे और कहां मिला?
13 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त स्थल पर जब मलबे को हटाने का काम चल रहा था, उसी दौरान राहतकर्मियों को विमान के पिछले हिस्से में पिघले हुए एल्यूमिनियम और धुएं से ढका एक छोटा सा मेटल बॉक्स मिला। शुरुआत में इसे डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) समझा गया, लेकिन बाद में पुष्टि हुई कि यह ब्लैक बॉक्स है।
गौरतलब है कि दुर्घटना के एक दिन पहले तक इसकी तलाश लगातार जारी थी और अधिकारियों के बीच इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।
अब क्या होगा?
ब्लैक बॉक्स को अब भारत सरकार की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के पास भेजा गया है। इसके अलावा अमेरिका की NTSB (National Transportation Safety Board) और ब्रिटेन की AAIB UK (Air Accidents Investigation Branch) भी जांच में सहयोग करेंगी।
यह ब्लैक बॉक्स करीब 30 घंटे तक भीषण गर्मी, आग और धुएं के बीच सुरक्षित रहा, जो इस उपकरण की मजबूती को दर्शाता है। अब इसके डाटा को डिकोड करने में कम से कम 7 से 10 दिन लग सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें मौजूद जानकारी इस हादसे की असल वजह बताने में मदद करेगी।
संभावित सवाल जिनका जवाब ब्लैक बॉक्स से मिल सकता है:
- क्या पायलट को टेक-ऑफ के बाद किसी तकनीकी गड़बड़ी का पता चला था?
- क्या विमान के इंजन में आग लगी थी या वह पहले से क्षतिग्रस्त था?
- क्या कॉकपिट में कोई इंसानी चूक हुई?
- विमान को नीचे गिराने में मौसम या बर्ड स्ट्राइक जैसी बाहरी वजहें जिम्मेदार थीं?
इन सभी सवालों के जवाब अब ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग और डाटा एनालिसिस के जरिए मिलने की उम्मीद है।
क्यों है यह ब्लैक बॉक्स इतना महत्वपूर्ण?
जब कोई विमान इस तरह दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो बहुत सारे अनुमान लगाए जाते हैं—पायलट की गलती, तकनीकी खामी, रखरखाव की कमी, या बाहरी कारण। लेकिन ब्लैक बॉक्स ही एकमात्र निष्पक्ष और सटीक प्रमाण होता है जो यह बता सकता है कि अंतिम क्षणों में विमान में क्या हो रहा था।
यह हादसा केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय विमानन व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। ब्लैक बॉक्स के जरिए मिले सबूतों के आधार पर ही एयर इंडिया, टाटा ग्रुप और DGCA जैसी संस्थाएं अपने सुरक्षा मानकों में जरूरी सुधार करेंगी।
अहमदाबाद की इस भीषण दुर्घटना में जब देश 241 जिंदगियों को खोने का शोक मना रहा है, तब ब्लैक बॉक्स की बरामदगी एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। अब देश और पीड़ित परिवारों को इस बात का इंतजार है कि ब्लैक बॉक्स क्या कहता है। क्या यह एक तकनीकी गलती थी, एक मानवीय चूक, या कोई ऐसी वजह जिसे टाला जा सकता था?
सभी की निगाहें अब उस रिपोर्ट पर टिकी हैं जो ब्लैक बॉक्स के माध्यम से सामने आएगी और जो भविष्य की उड़ानों को सुरक्षित बनाने में मदद करेगी।
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