AI 171 crash report: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की दुखद विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। बोइंग 787–8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई। अब इस हादसे की जांच एक नए मोड़ पर पहुंची है, जहां विशेषज्ञ यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि उस क्षण विमान के इंजन बंद क्यों हो गए थे।
This morning:
— Shiv Aroor (@ShivAroor) July 17, 2025
WSJ: Capt Sumit Sabharwal switched off the fuel flow to engines
Indian Express: Probe looking at tech snag hours before crash pic.twitter.com/a451qaWjd6
क्या कहती है शुरुआती जांच?
अंतरराष्ट्रीय और भारतीय विमानन एजेंसियों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि क्रैश से ठीक पहले विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति कुछ सेकंड के लिए रुक गई थी। विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) के विश्लेषण से संकेत मिला है कि इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच “RUN” से “CUTOFF” की स्थिति में गए, और लगभग दस सेकंड बाद दोबारा “RUN” में लाए गए।
यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक उड़ते हुए विमान में दोनों इंजनों का एक साथ बंद हो जाना एक असाधारण परिस्थिति है। इसी कारण से अब जांच एजेंसियां इस पहलू पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
कौन-कौन कर रहा है जांच?
इस जांच में भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB), नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की टीमें शामिल हैं। विमान निर्माता कंपनी बोइंग के इंजीनियर भी तकनीकी विश्लेषण में सहयोग दे रहे हैं।
अब तक की समीक्षा में यह पाया गया है कि विमान की संरचना, तकनीकी प्रणाली और मेंटेनेंस रिकॉर्ड में कोई स्पष्ट गड़बड़ी नहीं मिली है। ऐसे में जांचकर्ता अब यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि फ्यूल कट-ऑफ किस परिस्थिति में हुआ – यह मानवीय गलती थी, तकनीकी गड़बड़ी थी, या किसी अन्य कारण से यह स्थिति उत्पन्न हुई।
फ्लाइट डेक रिकॉर्डिंग से मिले संकेत
कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में उस क्षण की बातचीत मौजूद है जब इंजन बंद हुए। सह-पायलट द्वारा की गई प्रतिक्रिया से पता चलता है कि इंजन बंद होना आश्चर्यजनक था। हालाँकि, इन संकेतों को किसी निष्कर्ष की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। विशेषज्ञ इस डेटा को अन्य सबूतों के साथ जोड़कर निष्कर्ष निकालेंगे।
यह ज़ोर देना आवश्यक है कि यह पूरी जांच अभी शुरुआती चरण में है और किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।
तकनीकी सिस्टम पर चर्चा
विशेषज्ञों का कहना है कि बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच विशेष सुरक्षा प्रणाली से लैस होते हैं, जिन्हें गलती से बदलना आसान नहीं होता। इन स्विचों को बदलने के लिए एक विशिष्ट मैन्युअल प्रक्रिया होती है, और कई सुरक्षा उपाय ऐसे किसी भी बदलाव को रोकते हैं। इसलिए, यह जानना आवश्यक है कि फ्यूल कंट्रोल में जो बदलाव रिकॉर्ड हुए, वे किस कारण से हुए।
विमानन उद्योग में फिर उठा कॉकपिट कैमरा लगाने का सवाल
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से कॉकपिट में वीडियो रिकॉर्डिंग की आवश्यकता पर बहस को जन्म दे दिया है। फिलहाल विमान केवल ऑडियो रिकॉर्डिंग करते हैं, जिससे हर दृश्य गतिविधि की जानकारी नहीं मिल पाती। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोकपिट कैमरा से ऐसी घटनाओं की तह तक पहुंचना आसान हो सकता है। वहीं, कुछ पायलट यूनियन इसे निजता पर आघात मानते हैं।
क्या आगे क्रिमिनल जांच की संभावना है?
चूंकि दोनों इंजन एक साथ बंद हुए और कोई तकनीकी दोष अब तक सामने नहीं आया, इसलिए यह भी विचार किया जा रहा है कि जांच के अगले चरण में क्रिमिनल एंगल को शामिल किया जाए या नहीं। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
जांच जारी, निष्कर्ष बाकी
विमानन क्षेत्र की यह एक बेहद गंभीर और दर्दनाक घटना है। 260 लोगों की मौत के पीछे की असली वजह को खोज निकालना न सिर्फ पीड़ितों के परिवारों के लिए, बल्कि भविष्य की विमान सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है। शुरुआती रिपोर्ट ने जांच की दिशा जरूर स्पष्ट की है, लेकिन अभी कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं।
यह स्पष्ट है कि जब तक सभी तथ्यों की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक किसी भी व्यक्ति विशेष या कारक को जिम्मेदार ठहराना न सिर्फ अनुचित होगा, बल्कि पीड़ितों की स्मृति और न्याय प्रक्रिया का भी अपमान होगा।
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