Air India Dreamliner crash

Air India Dreamliner crash: एयर इंडिया Dreamliner क्रैश से पहले ‘well‑maintained’ था – CEO कैम्पबेल विल्सन का विश्वास भरा दावा

Air India Dreamliner crash: 12 जून 2025 को भारत के अहमदाबाद शहर में एक दुखद हादसे में एयर इंडिया की एक Boeing 787‑8 Dreamliner फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक घटना में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्य सवार थे, लेकिन हादसे की सबसे दुखद बात यह रही कि विमान के नीचे स्थित एक छात्रावास पर इसका मलबा गिरा, जिससे वहां मौजूद दर्जनों लोगों की मौत हो गई। इस त्रासदी ने न सिर्फ यात्रियों को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

एयर इंडिया CEO का बयान: “विमान पूरी तरह से मेंटेन था”

दुर्घटना के बाद एयर इंडिया के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर कैम्पबेल विल्सन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हादसे का शिकार हुआ विमान पूरी तरह से “well-maintained” था। उन्होंने बताया कि Dreamliner की आखिरी बड़ी तकनीकी जांच जून 2023 में की गई थी और अगली जांच दिसंबर 2025 के लिए निर्धारित थी। इसके अलावा, बाएं इंजन की व्यापक जांच अप्रैल 2025 में और दाएं इंजन का ओवरहॉल मार्च 2025 में किया गया था।

विल्सन ने कहा, “उड़ान से पहले विमान में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी या असामान्य संकेत नहीं पाए गए थे।” उनका यह बयान तब आया है जब कई विशेषज्ञ और यात्रियों के परिजन इस दुर्घटना के संभावित कारणों पर सवाल उठा रहे हैं।

परिचालन में 15% कटौती: सुरक्षा पहले

इस दुर्घटना के बाद एयर इंडिया ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने वाइड-बॉडी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में लगभग 15 प्रतिशत की अस्थायी कटौती की घोषणा की है। कंपनी के अनुसार, यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त तकनीकी जांच और निरीक्षण करने के उद्देश्य से लिया गया है।

एयर इंडिया के बेड़े में कुल 33 Boeing 787 विमान हैं, जिनमें से 26 की जांच पूरी की जा चुकी है और उन्हें सुरक्षित घोषित कर दिया गया है। बाकी विमानों की भी चरणबद्ध जांच की जा रही है। इस दौरान, कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया गया है या उनका समय बदला गया है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा हुई है।

तकनीकी जांच और ब्लैक बॉक्स विश्लेषण

हादसे की जांच का ज़िम्मा भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को सौंपा गया है। अब तक की जानकारी के अनुसार, दोनों ब्लैक बॉक्स — फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर — बरामद कर लिए गए हैं और इनका विश्लेषण भारत में ही किया जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन ब्लैक बॉक्स डेटा से हादसे के कारणों की विस्तृत जानकारी मिल सकती है। प्रारंभिक रूप से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि विमान के इंजनों में तकनीकी खराबी थी, जिससे जांच का फोकस अब अन्य प्रणालियों जैसे फ्लैप, लैंडिंग गियर, फ्यूल सप्लाई और पायलट कम्युनिकेशन की ओर बढ़ गया है।

यात्रियों में असंतोष, लेकिन कंपनी की पारदर्शिता सराहनीय

जहां एक ओर यह हादसा यात्रियों के मन में गहरी चिंता और असुरक्षा का भाव पैदा कर गया है, वहीं एयर इंडिया ने संकट की इस घड़ी में जिस पारदर्शिता और तत्परता से प्रतिक्रिया दी है, उसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।

कंपनी ने यात्रियों को फ्लाइट कैंसिलेशन के विकल्पों के तहत पुनः बुकिंग, रिफंड और अन्य सहायता तुरंत मुहैया कराई। इसके साथ ही, CEO विल्सन ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम यात्रियों से दिल से माफी मांगते हैं और आश्वस्त करते हैं कि सुरक्षा से बड़ा कोई लक्ष्य नहीं है।”

राजनीतिक और कॉर्पोरेट प्रतिक्रिया

इस हादसे के बाद कुछ राजनीतिक हस्तियों ने एयर इंडिया के CEO की नियुक्ति पर सवाल उठाए और कहा कि वे Singapore Airlines के प्रतिनिधि हैं। इन अटकलों को टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि कैम्पबेल विल्सन एयर इंडिया के स्वतंत्र CEO हैं, और उनकी नियुक्ति पूरी तरह भारतीय कानूनों और कंपनी के चयन मापदंडों के अनुसार की गई थी।

वहीं दूसरी ओर, उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि यह हादसा टाटा समूह के उस पुनर्निर्माण प्रयास को झटका दे सकता है जिसमें एयर इंडिया को एक विश्वस्तरीय एयरलाइन बनाने के लिए लगभग 70 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। इस निवेश में सैकड़ों नए विमानों की खरीद भी शामिल है।

संतुलन और सुधार की राह

इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एयर इंडिया के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, लेकिन संकट से निपटने की उसकी तैयारी और पारदर्शिता की नीति उसकी छवि को पूरी तरह धूमिल नहीं होने दे रही। हादसे की पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि तकनीकी चूक थी या कोई अन्य कारण।

फिलहाल, यात्रियों और देश की नजरें AAIB की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो निकट भविष्य में हादसे के कारणों पर रोशनी डालेगी। लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक एक बात ज़रूर कही जा सकती है: इस दुर्घटना ने भारत में हवाई यात्रा की सुरक्षा संस्कृति को एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।

इस दर्दनाक हादसे में सकारात्मक बात यह रही कि एयर इंडिया ने समय पर कदम उठाए, जिम्मेदारी दिखाई और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा। यह उसकी सशक्त नीति का प्रमाण है।

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