Amir Khan’s audition for Laapataa Ladies goes viral: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान हमेशा अपनी फिल्मों और भूमिकाओं के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, उनकी पूर्व पत्नी और निर्देशक किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज़’ के लिए उनके ऑडिशन का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में आमिर पुलिस की वर्दी में पान चबाते हुए अपने संवाद प्रस्तुत करते नजर आ रहे हैं, जो दर्शकों के लिए एक नया और दिलचस्प अनुभव है।
Aamir Khan auditioned for Ravi Kishan’s role in Laapata Ladies but was rejected pic.twitter.com/BqHLOaRXqC
— Pinku (@pinkutalks) March 26, 2025
आमिर का ऑडिशन और किरण का निर्णय
आमिर खान, जो इस फिल्म के निर्माता भी हैं, ने ‘लापता लेडीज़’ में सब-इंस्पेक्टर श्याम मनोहर की भूमिका निभाने की इच्छा जताई थी। उन्होंने इस किरदार के लिए ऑडिशन भी दिया। हालांकि, निर्देशक किरण राव ने इस भूमिका के लिए अभिनेता रवि किशन को अधिक उपयुक्त माना और आमिर को इस भूमिका के लिए चयनित नहीं किया। किरण के अनुसार, रवि किशन ने इस किरदार में एक नई ऊर्जा और अप्रत्याशितता लाई, जो कहानी के लिए महत्वपूर्ण थी। उन्होंने कहा, “रवि आपको हैरान कर देते हैं क्योंकि आप नहीं जानते कि उनसे किस तरह की उम्मीद की जाए।”
आमिर की प्रतिक्रिया
आमिर खान ने इस निर्णय को सकारात्मक रूप से लिया और मजाक में कहा कि किरण को उनकी अभिनय क्षमता पर संदेह था। उन्होंने कहा, “मैंने फिल्म में एक किरदार निभाने की कोशिश की लेकिन किरण ने मुझे ऐसा करने नहीं दिया।” यह दर्शाता है कि आमिर अपने काम के प्रति कितने समर्पित हैं और अपने व्यक्तिगत संबंधों को पेशेवर निर्णयों से अलग रखते हैं।
फिल्म की सफलता और ऑस्कर में एंट्री
‘लापता लेडीज़’ की कहानी ग्रामीण भारत की नई नवेली दुल्हनों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ट्रेन यात्रा के दौरान खो जाती हैं। इस फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों से भरपूर सराहना मिली और इसे 2025 के ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया।
कास्टिंग में नए चेहरों का चयन
किरण राव ने इस फिल्म में नए और कम पहचाने जाने वाले चेहरों को कास्ट किया, जिससे कहानी की प्रामाणिकता बढ़ी। उन्होंने कहा, “कहानी को वास्तविक बनाने के लिए ऐसे चेहरों का होना जरूरी था, जो गांव के हिसाब से ढले हुए हों।”
आमिर खान का ‘लापता लेडीज़’ के लिए ऑडिशन और किरण राव का उनका चयन न करना, यह दर्शाता है कि फिल्म निर्माण में व्यक्तिगत संबंधों से अधिक महत्व कहानी और किरदारों की प्रामाणिकता को दिया जाता है। यह निर्णय फिल्म की सफलता में सहायक सिद्ध हुआ और दर्शकों को एक यादगार सिनेमाई अनुभव प्रदान किया।