Amit Shah on Waqf Law

Amit Shah on Waqf Law: अमित शाह ने याद दिलाया 2013 का लालू यादव का बयान, कहा – मोदी सरकार ने पूरी की उनकी इच्छा

Amit Shah on Waqf Law: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के 2013 के बयान का उल्लेख किया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू यादव की उस समय की इच्छा को अब जाकर पूरा किया है।

अमित शाह ने कहा, “जब 2013 में वक्फ संशोधन पेश किया गया था, तब लालू यादव ने एक सख्त कानून की मांग की थी और कहा था कि जो लोग वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें जेल में डालना चाहिए। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी इस इच्छा को पूरा किया है।”

विधेयक का उद्देश्य और प्रावधान

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस विधेयक में वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और सरकार की निगरानी बढ़ाने का प्रस्ताव है।

सरकार का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। लेकिन विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का मानना है कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय के अधिकार कमजोर हो सकते हैं और उनकी संपत्तियों की जब्ती का खतरा बढ़ सकता है।

विपक्ष का विरोध

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा, “यह बिल एक सोची-समझी राजनीति के तहत लाया जा रहा है। जब पहले से ही लोकतांत्रिक तरीके से वक्फ बोर्ड में नियुक्तियां होती हैं, तो फिर गैर-मुस्लिम सदस्यों को नामांकित करने की क्या जरूरत है?”

अखिलेश यादव के बयान पर अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “अध्यक्ष के अधिकार सिर्फ विपक्ष के नहीं, बल्कि पूरे सदन के हैं। विपक्ष इस विषय पर गोलमोल बातें नहीं कर सकता।”

कांग्रेस ने भी इस विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस के अनुसार, यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है

सरकार का बचाव

सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संसद में वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा, “यह बिल मुसलमान विरोधी नहीं है। कोई भी संस्था जब निरंकुश हो जाती है, तो सरकार को पारदर्शिता के लिए कानून बनाना पड़ता है।”

गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्फ अधिनियम में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही विपक्ष इसका विरोध करे

उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी जी वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करना चाहते हैं, लेकिन कुछ विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। चाहे जितना भी विरोध हो, मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन जरूर करेगी।”

विधेयक में प्रस्तावित संशोधन

  1. वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति
  2. सरकार की निगरानी को बढ़ाना
  3. वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व संबंधी नियमों में बदलाव

हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इन संशोधनों से मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ सकता है और धार्मिक अधिकारों का हनन हो सकता है।

विपक्ष का डर और सरकार का दावा

विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह विधेयक राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इससे अल्पसंख्यक अधिकार कमजोर हो सकते हैं

लेकिन सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए आवश्यक है

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा कि 1995 के कानून में सुधार किया जाएगा और वक्फ बोर्डों के कामकाज को अधिक कुशल बनाया जाएगा

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। जहां सरकार इसे पारदर्शिता बढ़ाने का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ एक साजिश मान रहा है

अब देखना यह होगा कि इस विधेयक पर राज्यसभा में क्या फैसला लिया जाता है, और क्या यह कानून बनने के बाद किसी कानूनी चुनौती का सामना करेगा या नहीं।

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