Andre Russell Announces Retirement: वेस्टइंडीज़ क्रिकेट को झटका देते हुए, आंद्रे रसेल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 37 वर्षीय यह स्टार ऑलराउंडर अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी घरेलू ज़मीन जमैका पर आखिरी दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर अपने सफर को अलविदा कहेगा। यह फैसला एक ऐसे खिलाड़ी का है जिसने क्रिकेट की दुनिया में ना केवल तूफानी बल्लेबाज़ी से, बल्कि अपनी रफ्तार भरी गेंदबाज़ी से भी गहरी छाप छोड़ी है।
🚨Andre Russell is set to retire after the first two T20Is against Australia #andrerussell #westindiescricket pic.twitter.com/HcBgWIEEr8
— Cricbuzz (@cricbuzz) July 16, 2025
रसेल के संन्यास की पुष्टि वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने एक आधिकारिक पोस्ट के ज़रिए की, जिसमें उन्हें एक ‘लिजेंड’ करार दिया गया और कहा गया कि उन्होंने कैरेबियाई क्रिकेट को गौरवान्वित किया है। यह फैसला उस वक्त आया है जब वेस्टइंडीज़ टीम एक बार फिर टी20 क्रिकेट में अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने की कोशिश कर रही है।
आंद्रे रसेल ने 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। लेकिन साल 2019 के बाद से वह केवल टी20 प्रारूप में ही वेस्टइंडीज़ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 84 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें 1,078 रन बनाए और 61 विकेट हासिल किए। उनके बल्लेबाज़ी के आंकड़े उनके प्रभाव को पूरी तरह नहीं बयां करते, क्योंकि रसेल का खेल केवल संख्याओं तक सीमित नहीं था। वह मैच के रुख को पलट देने वाले खिलाड़ी थे, एक ऐसा पावरहाउस जिनकी मौजूदगी से गेंदबाज़ों में भय और दर्शकों में उत्साह पैदा होता था।
उन्होंने वेस्टइंडीज़ के लिए दो बार टी20 वर्ल्ड कप (2012 और 2016) जीते और दोनों ही टूर्नामेंट में उन्होंने निर्णायक भूमिकाएं निभाईं। उनकी फिटनेस भले ही हमेशा एक चुनौती रही हो, लेकिन जब भी वह मैदान में होते, तो यह तय होता कि कुछ विस्फोटक ज़रूर होगा।
रसेल का करियर घरेलू और विदेशी टी20 लीग में भी बेहद चमकदार रहा है। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए सालों तक अपनी ताकत दिखाई। उनकी बल्लेबाज़ी स्ट्राइक रेट 170 के आसपास रही, जो उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक फिनिशरों में से एक बनाती है। केवल बल्लेबाज़ी ही नहीं, उन्होंने गेंद से भी कई अहम मौकों पर अपनी टीम को जीत दिलाई।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के फैसले के पीछे एक भावुक पक्ष भी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने सोच-समझकर लिया है ताकि वे सम्मान के साथ खेल को अलविदा कह सकें। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना था कि वे अपने घरेलू मैदान सबीना पार्क में अपने अंतिम मैच खेलें, और यह सपना अब पूरा होने जा रहा है।
वेस्टइंडीज़ के कोच डैरेन सैमी ने रसेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रसेल जैसे खिलाड़ी शायद बार-बार नहीं आते। उन्होंने कहा कि रसेल की भूख, जुनून और जज़्बा वाकई प्रेरणादायक रहा है और युवा खिलाड़ियों को उनसे सीख लेनी चाहिए।
अब जब वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं, तो वह विभिन्न टी20 लीगों जैसे IPL, BBL, MLC और CPL में खेलना जारी रखेंगे। उनकी लोकप्रियता और मांग अभी भी उतनी ही बनी हुई है, खासकर टी20 लीग्स में, जहां हर टीम एक पावर हिटर और भरोसेमंद डेथ बॉलर की तलाश में रहती है।
रसेल की संन्यास घोषणा वर्ल्ड कप 2026 से कुछ महीने पहले हुई है, और कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या वेस्टइंडीज़ ने जल्दबाज़ी में उन्हें अलविदा कहा। लेकिन खुद रसेल ने साफ किया है कि वह अपनी शर्तों पर, शांति और सम्मान के साथ विदा लेना चाहते थे।
टी20 क्रिकेट की तेज़ रफ्तार दुनिया में आंद्रे रसेल ने वह मुकाम हासिल किया, जिसे बहुत कम खिलाड़ी छू पाते हैं। उन्होंने ग्लैमर और ग्रिट दोनों को एक साथ साधा। उनकी बल्लेबाज़ी की चमक, उनकी गेंदबाज़ी की धार और उनकी मैदान पर मौजूदगी आने वाले वर्षों तक क्रिकेट प्रेमियों को याद रहेगी।
अब जब वह अपने आखिरी दो मैच खेलने जा रहे हैं, तो यह केवल एक खिलाड़ी की विदाई नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। सबीना पार्क में वह दो दिन होंगे जब पूरा जमैका, और शायद पूरी दुनिया, एक आखिरी बार ‘Dre Russ’ को पूरे जोश के साथ मैदान पर देखेगी।
वह खिलाड़ी जिसने जीत को अपनी पहचान बना लिया था, अब मैदान छोड़ रहा है, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में उसकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी।
अधिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए जनविचार।