Anurag Kashyap on Bollywood: प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने हाल ही में घोषणा की है कि वे मुंबई छोड़कर दक्षिण भारत में बसने का निर्णय ले चुके हैं। उनके अनुसार, हिंदी फिल्म उद्योग में वर्तमान में जो वातावरण है, वह रचनात्मकता के लिए अनुकूल नहीं है, और यह स्थिति उन्हें निराश करती है।
“बॉलीवुड इंडस्ट्री टॉक्सिक हो गई है..”
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— News24 (@news24tvchannel) March 6, 2025
अनुराग कश्यप ने अपने करियर में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘देव डी’, ‘ब्लैक फ्राइडे’ जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो मुख्यधारा से हटकर है। हालांकि, वर्तमान में हिंदी फिल्म उद्योग में बड़े बजट की फिल्मों की होड़ और रचनात्मकता की कमी ने उन्हें निराश किया है।
कश्यप का मानना है कि दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में फिल्म निर्माताओं को अधिक स्वतंत्रता और समर्थन मिलता है, जिससे वे नए प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वहां फिल्म निर्माताओं को सशक्त बनाया जाता है, जिससे वे अपनी रचनात्मकता को पूर्ण रूप से व्यक्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, अनुराग कश्यप ने टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसियों पर भी निशाना साधा है, जो नए कलाकारों को स्टार बनाने पर जोर देती हैं, बजाय उनके अभिनय कौशल को निखारने के। उनका कहना है कि यह प्रवृत्ति उद्योग के लिए हानिकारक है और इससे रचनात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अनुराग कश्यप का यह कदम हिंदी फिल्म उद्योग के लिए एक चेतावनी है कि यदि रचनात्मकता को प्रोत्साहित नहीं किया गया, तो और भी प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता उद्योग से दूर हो सकते हैं। यह समय है कि उद्योग आत्ममंथन करे और रचनात्मकता को प्राथमिकता दे, ताकि सिनेमा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।