Apoorva Mukhija breaks down in tears: हाल ही में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर अपूर्वा मुखीजा एक इंटरव्यू के दौरान फूट-फूट कर रो पड़ीं। यह भावुक पल तब आया जब उन्होंने ‘इंडियाज़ गॉट लेटेंट’ विवाद से जुड़ा अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने इस घटना को ‘dehumanizing’ यानी अमानवीय बताया और कहा कि उन्हें ऐसा लगा मानो उन्होंने अपने पिता को उनके सबसे बुरे सपने में धकेल दिया।
apoorva's video broke my entire heart. the rape and acid attack threats, her building name getting leaked, her apologizing for no reason just made me cry so much. extremely proud of her, she is so strong man and i really needed to hear this today! ☹️🤍
— a. (@chupkaroyaarr) April 9, 2025
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क्या था पूरा मामला?
फरवरी 2025 में लॉन्च हुआ वेब शो ‘इंडियाज़ गॉट लेटेंट’ अपने पहले ही एपिसोड से विवादों में घिर गया। इस शो में अपूर्वा मुखीजा के साथ लोकप्रिय यूट्यूबर आशीष चंचलानी, रणवीर इलाहाबादिया और स्टैंडअप कॉमेडियन जसप्रीत सिंह भी मौजूद थे। शो के दौरान की गई कुछ टिप्पणियाँ खासकर महिलाओं को लेकर, सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलीं।
लोगों ने इन टिप्पणियों को अश्लील और असंवेदनशील बताया। विशेष रूप से रणवीर की एक टिप्पणी को लेकर काफी बवाल मचा, जिसमें उन्होंने एक प्रतिभागी के परिवार के निजी जीवन पर आपत्तिजनक बात कह दी थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सख़्ती
बढ़ते विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। आयोग ने अपूर्वा मुखीजा, रणवीर इलाहाबादिया और शो के निर्माताओं को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा। सभी ने आयोग के सामने पेश होकर माफ़ी माँगी और भविष्य में ऐसी भाषा से बचने का आश्वासन दिया।
NCW ने स्पष्ट किया कि इस तरह की भाषा सार्वजनिक मंच पर स्वीकार्य नहीं है और डिजिटल माध्यमों में भी गरिमा बनाए रखना आवश्यक है।
अपूर्वा का मानसिक संघर्ष
इस पूरे विवाद का गहरा असर अपूर्वा मुखीजा पर पड़ा। उन्होंने कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। लेकिन बाद में इंस्टाग्राम पर वापसी करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि वे अब पहले से ज्यादा सतर्क और मजबूत हैं।
हाल ही में एक वीडियो में अपूर्वा ने आँसू बहाते हुए कहा, “मैं बहुत रोई। यह अनुभव मेरे लिए अमानवीय था। सबसे ज्यादा दुख मुझे इस बात का था कि मैंने अपने पापा को उनके सबसे बुरे डर में डाल दिया। वह बहुत आहत हुए।”
उनकी यह ईमानदारी और भावनात्मक स्वीकारोक्ति लोगों को सोचने पर मजबूर कर गई कि पब्लिक फिगर्स को केवल लाइक्स और फॉलोअर्स की संख्या से नहीं, उनके मानसिक स्वास्थ्य और ज़िम्मेदारी से भी समझा जाना चाहिए।
ऑनलाइन ट्रोलिंग और धमकियाँ
विवाद के बाद अपूर्वा को सोशल मीडिया पर भयंकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने उन्हें गालियाँ दीं, अपमानित किया और यहाँ तक कि जान से मारने और बलात्कार की धमकियाँ भी मिलीं। यह दर्शाता है कि डिजिटल दुनिया में नफरत कितनी जल्दी और कितनी गहराई तक फैल सकती है।
पुलिस जांच और खुलासे
मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र साइबर सेल ने जांच शुरू की। पूछताछ के दौरान अपूर्वा ने स्पष्ट किया कि शो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड नहीं था और सब कुछ अनफिल्टर्ड था। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें शो में आने के लिए कोई भुगतान नहीं मिला था।
उनका कहना था कि यह पूरी तरह एक अनप्लांड इंटरेक्शन था, लेकिन कुछ बातों को जिस तरह क्लिप कर के सोशल मीडिया पर फैलाया गया, उसने संदर्भ को पूरी तरह बदल दिया।
क्या सीख मिलती है?
इस पूरी घटना से कुछ बेहद ज़रूरी सीखें निकलती हैं:
- डिजिटल जिम्मेदारी: पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बोलने की आज़ादी के साथ ज़िम्मेदारी भी आती है।
- ऑनलाइन हिंसा का विरोध: महिलाओं को निशाना बनाकर की जाने वाली ऑनलाइन ट्रोलिंग और धमकियों को समाज में सामान्य मान लेना बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है।
- मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान: कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर्स के पीछे भी एक इंसान होता है, जिसकी भावनाएँ होती हैं। हमें आलोचना करते हुए भी उनकी मानसिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए।
अपूर्वा मुखीजा ने अपने अनुभव से न केवल खुद को और मजबूत किया, बल्कि उन सभी युवाओं को एक संदेश दिया जो डिजिटल दुनिया में कुछ बनना चाहते हैं — कि हर चमक के पीछे एक संघर्ष छुपा होता है।
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