Bandar Abbas explosion: 26 अप्रैल 2025 को ईरान के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित रणनीतिक महत्व के बंदर अब्बास शहर के शाहिद राजाee पोर्ट पर एक भीषण विस्फोट हुआ। इस हादसे में अब तक 18 लोगों के मारे जाने और 750 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसमान में कई मीटर ऊंचा धुएं का घना गुबार छा गया और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों के मुताबिक, विस्फोट के झटके कई किलोमीटर दूर तक महसूस किए गए और खिड़कियों के शीशे टूट गए।
14 Dead, 750 Injured In Iran Port Fire, Blast Heard 50 Km Away
— NDTV (@ndtv) April 27, 2025
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विस्फोट का कारण: खतरनाक रसायनों का अनुचित भंडारण
शुरुआती जांच रिपोर्टों के अनुसार, इस भयंकर विस्फोट का मुख्य कारण पोर्ट पर खतरनाक रसायनों का असुरक्षित भंडारण बताया जा रहा है। विशेष रूप से सोडियम पर्क्लोरेट नामक रसायन, जो मिसाइल ईंधन के निर्माण में प्रयोग होता है, विस्फोट स्थल पर भारी मात्रा में पाया गया। यह रसायन मार्च 2025 में चीन से ईरान लाया गया था। कहा जा रहा है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किए बिना इन रसायनों को बंदरगाह पर महीनों से रखा गया था, जिससे दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ गई थी।
ईरान के गृह मंत्री इस्कंदर मोमेनी ने बताया कि विस्फोट के समय बंदरगाह पर लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य जारी था और रसायनों को ठीक ढंग से स्टोर नहीं किया गया था, जिससे आग लगने के बाद स्थिति बेहद तेजी से बेकाबू हो गई।
राहत और बचाव कार्य: चुनौतीपूर्ण हालात में जारी
घटना के तुरंत बाद, ईरान की रेड क्रिसेंट सोसाइटी, दमकल विभाग और आपातकालीन सेवाओं ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। भारी धुएं और लगातार फैलती आग के बीच सैकड़ों फायरफाइटर्स आग बुझाने में जुटे रहे। हाई विंड्स यानी तेज हवाओं के कारण आग को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो गया था। हेलीकॉप्टरों की सहायता से पानी का छिड़काव किया गया, लेकिन आग को पूरी तरह बुझाने में कई घंटे लग गए।
बचावकर्मियों ने अब तक 6 लापता व्यक्तियों की खोज जारी रखी है। वहीं घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। बंदर अब्बास के कई अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और लोगों से रक्तदान करने की अपील की गई है।
पर्यावरणीय खतरा: हवा में फैले जहरीले रसायन
विस्फोट के कारण वातावरण में भारी मात्रा में खतरनाक रसायन फैल गए हैं। स्थानीय पर्यावरण एजेंसियों के अनुसार, हवा में अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे जहरीले तत्वों की उपस्थिति पाई गई है, जो श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। जनता को घरों के अंदर रहने, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने, और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, बंदर अब्बास के सभी स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के खतरनाक रसायनों का असुरक्षित भंडारण न केवल विस्फोट की संभावना बढ़ाता है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम भी उत्पन्न करता है।
आर्थिक प्रभाव: पोर्ट संचालन पर पड़ा असर
शाहिद राजाee पोर्ट, ईरान के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक है, जो देश के कुल समुद्री व्यापार का लगभग 50% संचालन करता है। इस विस्फोट के बाद पोर्ट पर सभी प्रकार की गतिविधियाँ अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं। इससे न केवल ईरान के घरेलू व्यापार पर असर पड़ा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आपूर्ति शृंखला बाधित हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर पोर्ट संचालन जल्द सामान्य नहीं हुआ तो इससे ईरान की अर्थव्यवस्था को करोड़ों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत ओमान में चल रही है। हालांकि ईरानी सरकार ने इस विस्फोट को “दुर्घटना” बताया है और किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार किया है, लेकिन कुछ विश्लेषक इसे संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया और कूटनीतिक हलकों में इस हादसे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
नागरिकों का आक्रोश
स्थानीय नागरिकों में इस हादसे को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह त्रासदी हुई है। सोशल मीडिया पर भी ‘जवाबदेही’ की मांग को लेकर अभियान चल रहे हैं। लोग सरकार से यह पूछ रहे हैं कि इतने संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं हुआ।
बंदर अब्बास पोर्ट पर हुआ यह भयावह विस्फोट न केवल सैकड़ों परिवारों के लिए दुखद त्रासदी बना, बल्कि उसने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों और आपदा प्रबंधन की गंभीर कमजोरियों को उजागर कर दिया है। यह हादसा ईरान के लिए एक चेतावनी है कि यदि खतरनाक रसायनों के भंडारण और प्रबंधन में सुधार नहीं किया गया, तो भविष्य में इससे भी बड़ी त्रासदियाँ हो सकती हैं।
सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और वादा किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, बंदरगाह के आसपास के इलाकों में राहत कार्य जारी है और लोगों से संयम बरतने की अपील की गई है।
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