Bengaluru Rain: बेंगलुरु में मूसलधार बारिश का कहर, ऑरेंज अलर्ट, वर्क फ्रॉम होम और जलमग्न आईटी सिटी

Bengaluru Rain: बेंगलुरु, जिसे देश की आईटी राजधानी के रूप में जाना जाता है, एक बार फिर तेज़ बारिश के कारण अस्त-व्यस्त हो गया है। मंगलवार सुबह हुई भारी बारिश ने शहर के कई इलाकों को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया, जिससे ट्रैफिक ठप हो गया और सामान्य जीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बेंगलुरु में आगामी दिनों में और भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। शहर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है जबकि कर्नाटक के अन्य हिस्सों के लिए रेड अलर्ट की घोषणा की गई है। ऐसे में यह साफ है कि यह केवल शुरुआत है – असली बारिश तो अभी बाकी है।

बारिश के बाद बेंगलुरु की सड़कों का हाल

मंगलवार को हुई भारी बारिश के कारण बेंगलुरु के कई प्रमुख इलाके जैसे कोरमंगला, बीटीएम लेआउट, एचएसआर लेआउट, बेलंदूर, मराठाहल्ली और आउटर रिंग रोड पूरी तरह से पानी में डूब गए। कई जगहों पर पानी इतना भर गया कि दोपहिया वाहन बंद हो गए और कारों के भीतर तक पानी घुस गया।

आईटी कंपनियों की ओर जाने वाले मार्गों पर ट्रैफिक इतना जाम हो गया कि लोग घंटों तक अपनी गाड़ियों में फंसे रहे। इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी की ओर जाने वाले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा क्योंकि वहां जलजमाव ने गाड़ियों की आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया।

आईटी कंपनियों ने अपनाया ‘वर्क फ्रॉम होम’ मॉडल

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बेंगलुरु सेंट्रल से सांसद पीसी मोहन ने सभी आईटी कंपनियों से अनुरोध किया कि वे कर्मचारियों को कुछ दिन वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दें ताकि ट्रैफिक और जलभराव से उत्पन्न तनाव कम हो सके।

इसके बाद कई प्रमुख आईटी कंपनियों जैसे कॉग्निजेंट, इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो ने तत्काल प्रभाव से अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी। इससे न केवल कर्मचारियों को राहत मिली, बल्कि सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी कुछ हद तक कम हुआ।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में 21 मई से लेकर 26 मई तक भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की भविष्यवाणी की है। 20 मई को शहर में 105.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो बीते दो वर्षों में मई महीने में हुई सबसे अधिक वर्षा है।

कर्नाटक स्टेट नेचुरल डिजास्टर मॉनिटरिंग सेंटर (KSNDMC) ने भी चेताया है कि 21 मई को अत्यधिक भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना है, जबकि 22 और 23 मई को भारी बारिश और वज्रपात जारी रहेगा। इसके बाद भी 24, 25 और 26 मई को शहर में वर्षा का दौर बना रहेगा।

नागरिकों की व्यथा और सोशल मीडिया की तस्वीरें

बारिश के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं जो बेंगलुरु के हालात की गंभीरता को दर्शाते हैं। कुछ तस्वीरों में देखा गया कि कारों के भीतर पानी भर गया था, और लोग अपनी गाड़ियों में बैठकर पानी निकालने की कोशिश कर रहे थे।

एक तस्वीर में एक व्यक्ति की कार के अंदर टखनों तक पानी भर गया था। इस पर एक यूज़र ने चुटकी लेते हुए लिखा, “अब बेंगलुरु में ड्राइविंग के लिए सीट बेल्ट नहीं, लाइफ जैकेट चाहिए।” यह मज़ाक भले ही हल्का हो, लेकिन शहर की हालत को स्पष्ट रूप से दिखाता है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और व्यवस्थाएं

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया कि बेंगलुरु में कुल 132 ऐसे स्थानों की पहचान की गई है जहां हर साल जलभराव होता है। इनमें से 82 स्थानों पर सुधार कार्य किया गया है, जबकि बाकी जगहों पर काम चल रहा है।

सरकार ने स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज (SWD) प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए ₹2,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। लेकिन हकीकत यह है कि बेंगलुरु की रफ्तार से तेजी से बढ़ता शहरीकरण इस ढांचे पर बोझ बढ़ा रहा है, और जब तक योजना को ज़मीन पर सख्ती से लागू नहीं किया जाता, तब तक हर साल यह समस्या दोहराई जाती रहेगी।

विशेषज्ञों की राय

शहरी नियोजन विशेषज्ञों का मानना है कि बेंगलुरु की यह स्थिति एक लंबे समय से चली आ रही प्लानिंग की खामियों का परिणाम है। पिछले दो दशकों में शहर का विस्तार हुआ है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम उतनी तेज़ी से नहीं सुधारा गया।

झीलों और प्राकृतिक जल निकासी मार्गों को अतिक्रमण कर कंक्रीट की इमारतों में तब्दील कर दिया गया, जिससे बारिश का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। परिणामस्वरूप, थोड़ी सी भी भारी बारिश शहर को घुटनों पर ला देती है।

नागरिकों के लिए सुझाव

मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अगले कुछ दिनों तक अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, विशेषकर शाम के समय। यदि बहुत आवश्यक हो तो सावधानीपूर्वक यात्रा करें, कम ऊंचाई वाले इलाकों और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।

इसके अलावा बिजली गिरने की आशंका को देखते हुए पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचने की सलाह भी दी गई है। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग खुले मैदानों में न करें और बच्चों को घर के भीतर रखें।

बारिश के बाद आईटी सिटी की असलियत

बेंगलुरु में हो रही यह भारी बारिश केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि यह हमारी शहर योजनाओं की खामियों की एक कड़ी याद दिलाती है। हर साल यही तस्वीर सामने आती है — जलभराव, ट्रैफिक, वर्क फ्रॉम होम और प्रशासन की तात्कालिक प्रतिक्रिया। जब तक दीर्घकालिक योजनाओं को ईमानदारी से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक ‘आईटी हब’ का यह चेहरा बार-बार जनता के सामने आता रहेगा।

आशा है कि इस बार की बारिश, सिर्फ चेतावनी न बनकर, एक सबक बने — प्रशासन के लिए, शहरी योजनाकारों के लिए और नागरिकों के लिए भी।

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