Delhi Earthquake:
नई दिल्ली: सोमवार सुबह उत्तर भारत के लोगों के लिए बेहद डरावनी साबित हुई, जब भूकंप के तेज झटकों ने दिल्ली-एनसीआर और बिहार को हिला दिया। सोमवार तड़के, लगभग 5:30 बजे, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, और इसके कुछ घंटों बाद, बिहार में भी धरती कांपी।
An earthquake of magnitude 4 hit Delhi at 5:36 a.m. It rocked several parts of the city and adjoining National Capital Region, said the National Centre for Seismology. Though of mild magnitude, its shallow depth of 5km meant tremors were registered widely. | Reports @neutranino
— The Hindu (@the_hindu) February 17, 2025
दिल्ली-एनसीआर में झटके दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग भूकंप के झटके महसूस करते ही अपने घरों से बाहर निकल आए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली में भूकंप सुबह 5:36 बजे आया, जिसका केंद्र दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के धौला कुआं के पास दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन के निकट था। भूकंप की गहराई जमीन से पांच किलोमीटर नीचे थी, जो इसे उथला और अधिक महसूस होने वाला बनाता है।
दिल्लीवासियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि झटके इतने तेज थे कि उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ा। कई लोगों ने सोते हुए अचानक झटके महसूस किए और घबराहट में इमारतों से बाहर आ गए।
बिहार में दूसरा झटका दिल्ली-एनसीआर के भूकंप के कुछ ही घंटों बाद, सुबह 8 बजे, बिहार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि इस झटके की तीव्रता भी 4.0 मापी गई, लेकिन इसका केंद्र अलग था। बिहार के विभिन्न जिलों, विशेष रूप से पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में, लोगों ने कंपन महसूस किया।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने तुरंत हालात का जायजा लिया। अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की कोई खबर नहीं है, लेकिन लोगों के बीच भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
भूकंप का वैज्ञानिक पक्ष भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, इस प्रकार के भूकंप अक्सर भारतीय उपमहाद्वीप के टेक्टोनिक प्लेट मूवमेंट के कारण होते हैं। दिल्ली-एनसीआर और बिहार, दोनों ही भूकंप संभावित क्षेत्रों में आते हैं, जहां समय-समय पर हल्के से मध्यम तीव्रता के झटके महसूस किए जाते हैं। हालांकि 4.0 तीव्रता का भूकंप अधिकतर मामलों में गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन इसका केंद्र उथला होने के कारण झटके अधिक महसूस होते हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर इस भूकंप को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोग इसे सामान्य प्राकृतिक घटना मानते हैं, तो कुछ लोग इसे बड़े भूकंप का संकेत मानकर चिंतित हैं। ट्विटर पर #DelhiEarthquake और #BiharEarthquake जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे और लोग अपनी सुरक्षा और अनुभव साझा करने लगे।
सतर्कता और सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के समय घबराने के बजाय सतर्क रहना सबसे बेहतर उपाय है। अगर आप घर के अंदर हैं तो किसी मजबूत मेज के नीचे छिपें, सिर और गर्दन को ढकें, और जब तक झटके खत्म न हों, तब तक बाहर न भागें।
निष्कर्ष इस बार के भूकंप में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, जो राहत की बात है, लेकिन यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी आ सकती हैं और उनके लिए तैयार रहना आवश्यक है। उत्तर भारत के इन क्षेत्रों में भूकंप की संभावना को देखते हुए, जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।
जन विचार के पाठकों के लिए हम जल्द ही और अपडेट्स लेकर आएंगे। तब तक सुरक्षित रहें, सतर्क रहें!