नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को भारी बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। हज़ारे ने कहा कि केजरीवाल शराब नीति और पैसे के प्रभाव में डूब चुके हैं और उन्होंने राजनीति में आने के बाद अपने मूल सिद्धांतों को भुला दिया।
अन्ना हज़ारे ने क्या कहा?
अन्ना हज़ारे, जो 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के केंद्र में थे, ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मैं हमेशा कहता हूं कि एक नेता का चरित्र और विचार शुद्ध होने चाहिए। उसका जीवन निष्कलंक होना चाहिए और उसमें बलिदान की भावना होनी चाहिए। जब हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया था, तब मैं अरविंद को भी यही समझाता था। लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और अब पूरी तरह से शराब और पैसे की राजनीति में फंस चुके हैं।”
हज़ारे ने आगे कहा कि दिल्ली के मतदाताओं को ऐसे नेताओं का चुनाव करना चाहिए जिनका चरित्र साफ हो और जो देश के लिए बलिदान देने की क्षमता रखते हों। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे “व्यर्थ” नेताओं को वोट न दें क्योंकि इससे देश का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
#WATCH | On #DelhiElectionResults, social activist Anna Hazare says, “I have been saying it for a long that while contesting the election – the candidate must have a character, good ideas and have no dent on image. But, they (AAP) didn’t get that. They got tangled in liquor and… pic.twitter.com/n9StHlOlK9
— ANI (@ANI) February 8, 2025
बीजेपी की जबरदस्त बढ़त, AAP को बड़ा झटका
दिल्ली में इस बार चुनावी समीकरण पूरी तरह बदलते नजर आ रहे हैं। अब तक के रुझानों के अनुसार, बीजेपी 40 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि AAP का प्रदर्शन बेहद कमजोर दिख रहा है।
पिछले चुनावों में AAP ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी और 70 में से 62 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार पार्टी को करारा झटका लगा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोपों, दिल्ली शराब नीति घोटाले और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी जैसे मामलों ने पार्टी की छवि को भारी नुकसान पहुंचाया है।
क्या है AAP की गिरावट की वजह?
विशेषज्ञों के अनुसार, AAP की लोकप्रियता में गिरावट के कई कारण हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण है दिल्ली की विवादित शराब नीति, जिसमें घोटाले के आरोप लगे। इस मामले में कई बड़े नेता जेल में हैं, जिनमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।
इसके अलावा, बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में AAP सरकार की कथित भ्रष्टाचार नीतियों को जमकर निशाना बनाया। बीजेपी नेताओं ने यह प्रचार किया कि केजरीवाल सरकार ने जनता के भरोसे का गलत फायदा उठाया और भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई।
मोदी की लोकप्रियता बनी बीजेपी की ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता भी बीजेपी के पक्ष में जाती दिख रही है। उनकी योजनाओं और विकास कार्यों को जनता का समर्थन मिला है। इसके अलावा, बीजेपी ने दिल्ली में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाया, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।
AAP का भविष्य क्या होगा?
अगर नतीजे रुझानों के मुताबिक आते हैं और बीजेपी सरकार बनाती है, तो यह AAP के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। 2013 में जिस भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से AAP का उदय हुआ था, उसी आंदोलन के प्रमुख नेता अन्ना हज़ारे अब पार्टी की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।
केजरीवाल के लिए यह चुनाव सिर्फ सत्ता का सवाल नहीं था, बल्कि उनकी पार्टी की साख और राजनीतिक भविष्य का भी सवाल था। अब अगर वह हारते हैं, तो उनकी राजनीति को लेकर कई गंभीर सवाल उठेंगे।
दिल्ली चुनाव के नतीजे इस बार ऐतिहासिक साबित हो सकते हैं। बीजेपी की बढ़त और AAP की गिरावट यह दर्शाती है कि जनता का मूड बदल रहा है। अन्ना हज़ारे की टिप्पणी से यह साफ होता है कि केजरीवाल की राजनीतिक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या AAP इस झटके से उबर पाएगी या नहीं।