Delhi Elections Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अब पूरी तरह से साफ हो चुके हैं, और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जबरदस्त जीत हासिल करते हुए 28 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर ली है। आम आदमी पार्टी (आप) को इस चुनाव में करारा झटका लगा है, जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार बेहद खराब प्रदर्शन करने में असफल रही।
इस बार का चुनाव बीजेपी और आप के बीच सीधी टक्कर का मैदान बना, जहां बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में मिली जबरदस्त जीत की लय को बरकरार रखा, वहीं आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों और कानूनी मामलों से जूझती नजर आई। कांग्रेस, जो कभी दिल्ली की राजनीति की धुरी हुआ करती थी, इस बार भी अपना खाता खोलने में नाकाम साबित हुई।
बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, आप की बड़ी हार
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नतीजों के मुताबिक, बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। चुनाव के शुरुआती रुझानों में भी बीजेपी ने बढ़त बनाई थी, और जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी, यह साफ हो गया कि पार्टी दिल्ली की सत्ता में वापसी कर रही है।
इस चुनाव में कई बड़े उलटफेर देखने को मिले। नई दिल्ली सीट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए, जो खुद आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी तरह, जंगपुरा सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कालकाजी सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी से पिछड़ गई हैं।
बीजेपी ने तीन सीटों पर शुरुआती बढ़त बनाई और धीरे-धीरे अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाते हुए बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस जीत को लेकर जबरदस्त उत्साह है, और पार्टी कार्यालयों में जश्न का माहौल बना हुआ है।
कांग्रेस का फिर से निराशाजनक प्रदर्शन
दिल्ली की राजनीति में कभी मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस इस चुनाव में भी अपनी साख बचाने में नाकाम रही। पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी कांग्रेस के खाते में कोई बड़ी जीत नहीं आई। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अपनी सीटें नहीं बचा सके, और कुल मिलाकर कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
बीजेपी का दावा – बनाएंगे स्थिर सरकार
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी को 50 के करीब सीटें मिलने की उम्मीद थी, और नतीजे उनके अनुमान के मुताबिक ही आए हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता का आशीर्वाद है, जिसने दिल्ली को स्थिर और विकासशील सरकार देने के लिए बीजेपी को चुना है।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने अभी भी हार स्वीकार नहीं की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि वे चुनावी नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं और भविष्य की रणनीति पर काम करेंगे। पार्टी ने एग्जिट पोल के अनुमानों को खारिज करते हुए दावा किया था कि वह फिर से सरकार बनाएगी, लेकिन नतीजों ने पूरी तरह से अलग कहानी बयान कर दी।
दिल्ली की जनता ने किया बदलाव का फैसला
5 फरवरी को हुए मतदान में दिल्ली में कुल 60.54% वोटिंग दर्ज हुई थी, जो पिछले चुनाव के मुकाबले थोड़ी कम थी। हालांकि, जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया था, और नतीजों में यह साफ देखने को मिला।
अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाती है और सरकार की प्राथमिकताएं क्या होंगी। दिल्ली में कई बड़ी समस्याएं, जैसे प्रदूषण, ट्रैफिक, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनता सरकार से कड़े फैसलों की उम्मीद कर रही है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस तरह से दिल्ली की सत्ता संभालती है और किस तरह की नीतियां लागू करती है। फिलहाल, बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए यह ऐतिहासिक जीत जश्न मनाने का अवसर है, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए यह आत्ममंथन का समय है।