Delhi Elections Result LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की जनता ने एक दशक पुरानी “आपदा” (AAP-da) से खुद को मुक्त कर लिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को स्पष्ट जनादेश देकर राजधानी में एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “यह जीत विकास, विजन और विश्वास की जीत है।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त दी है। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर शानदार वापसी की, जबकि AAP केवल 22 सीटों पर सिमट गई। इस हार ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी प्रभावित किया, जिसमें उसके राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उनके पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट बचाने में असफल रहे। कांग्रेस की स्थिति इस बार भी पहले जैसी ही रही और वह लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत सकी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में चर्चा तेज हो गई है और पार्वेश साहिब सिंह, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया है, इस दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। वहीं, AAP की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी अपनी कालकाजी सीट से चुनाव जीतने में सफल रहीं, जबकि मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा सीट से हार स्वीकार कर ली।
दिल्ली में हुए इस जोरदार चुनावी मुकाबले के नतीजे वैसे ही आए, जैसे ज्यादातर एग्ज़िट पोल्स ने अनुमान लगाए थे। 5 फरवरी को हुए इस एकदिवसीय मतदान में कुल 60.54% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस जीत को दिल्ली की जनता की आकांक्षाओं से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा के विजन और विकास की नीतियों ने जनता का भरोसा जीता है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में विकास को नई दिशा देने के लिए यह जनादेश बेहद महत्वपूर्ण है। हमें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा और उनके सपनों को साकार करना होगा।”
#WATCH | On BJP’s victory in #DelhiElections2025, PM Narendra Modi says, “…’Aaj desh tushtikaran nahi BJP ki santushtikaran ki policy ko chun raha hai’…Today, along with Delhi, the BJP has got victory in Ayodhya’s Milkipur. Every section has voted for the BJP in large… pic.twitter.com/vzM3e5LoFd
— ANI (@ANI) February 8, 2025
Credit: ANI
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत ने दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। जहां एक ओर AAP इस हार से उबरने की कोशिश करेगी, वहीं भाजपा अपने नए मुख्यमंत्री चेहरे के साथ सरकार बनाने की तैयारी में जुट चुकी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा दिल्ली के विकास और प्रशासन को किस नई दिशा में ले जाती है।