Donald Trump and Zelensky Meet: हाल ही में व्हाइट हाउस में एक अप्रत्याशित घटना ने राजनीतिक मंच पर गरमागरमी मचा दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के बीच तीखी बहस के बाद ज़ेलेंस्की अचानक बैठक छोड़कर चले गए। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर रूस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छिड़ गई।
रूस की प्रतिक्रिया: ट्रम्प की ‘संयमित प्रतिक्रिया’ की सराहना
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने ट्रम्प के संयम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ज़ेलेंस्की पर शारीरिक हमला नहीं किया, यह खुद में एक “संयम” का उदाहरण था। ज़ाखारोवा ने अपने टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, “ज़ेलेंस्की का सबसे बड़ा झूठ यह था कि उन्होंने दावा किया कि 2022 में कीव शासन अकेला था, जबकि वास्तविकता इससे अलग थी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “ट्रम्प और उनके सलाहकार जेडी वांस ने ज़ेलेंस्की पर हमला नहीं किया, यह संयम का चमत्कार है।” उनकी इस टिप्पणी से रूस के स्पष्ट रुख का संकेत मिलता है कि वह यूक्रेन की नीतियों और उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाता रहा है।
Zelensky has met with Trump. Shortly after they greeted, they met for the press. With press present, Zelensky showed Trump photos of Ukrainian soldiers who returned from Russian captivity to show what Ukraine is dealing with. pic.twitter.com/whkU9f28G1
— NOELREPORTS 🇪🇺 🇺🇦 (@NOELreports) February 28, 2025
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ती कड़वाहट
ज़ेलेंस्की को लेकर रूस की नाराजगी नई नहीं है। रूस लंबे समय से यूक्रेन सरकार और उसके पश्चिमी सहयोगियों की नीतियों की आलोचना करता रहा है। ज़ाखारोवा ने ज़ेलेंस्की को “गंदा” और “सबके लिए अप्रिय” तक कह डाला, जो यह दर्शाता है कि रूस यूक्रेन के नेतृत्व को कितना नापसंद करता है।
रूसी मीडिया ने इस पूरे घटनाक्रम को यूक्रेन की कूटनीतिक हार बताया और दावा किया कि ज़ेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
राजनीतिक निहितार्थ: अमेरिका, रूस और यूक्रेन के संबंधों पर असर
इस घटना ने अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यूक्रेन अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है, लेकिन ट्रम्प प्रशासन के दौरान इस रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है। ट्रम्प की हाल की टिप्पणियों से यह भी स्पष्ट होता है कि वह यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता की फिर से समीक्षा कर सकते हैं।
रूस की इस प्रतिक्रिया से यह भी संकेत मिलता है कि वह यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय समर्थन को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा है। यह घटना आने वाले समय में अमेरिका-रूस-यूक्रेन के त्रिकोणीय संबंधों को और अधिक जटिल बना सकती है।
व्हाइट हाउस की घटना का दीर्घकालिक प्रभाव
व्हाइट हाउस में हुई इस भिड़ंत ने यह भी दिखा दिया कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भाषा और बयानबाजी कितनी महत्वपूर्ण होती है। ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच यह टकराव केवल दो नेताओं की व्यक्तिगत असहमति नहीं थी, बल्कि यह अमेरिका और यूक्रेन के संबंधों में एक बड़े बदलाव का संकेत भी हो सकता है।
वहीं, रूस की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वह यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर कितनी सजग है। रूस इस मौके का फायदा उठाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि ज़ेलेंस्की एक कमजोर नेता हैं और पश्चिमी सहयोगी भी अब उनके समर्थन से पीछे हट सकते हैं।
व्हाइट हाउस में ट्रम्प-ज़ेलेंस्की भिड़ंत और उसके बाद रूस की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। रूस ने इस घटना का उपयोग यूक्रेन की नीतियों पर सवाल उठाने और अपने प्रभाव को मजबूत करने के लिए किया है। वहीं, अमेरिका और यूक्रेन के संबंधों की दिशा भी इस घटना के बाद बदल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में यह स्पष्ट हो चुका है कि हर बयान और हर घटना का बड़ा असर होता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है और क्या यह वैश्विक कूटनीति में नए समीकरणों को जन्म देता है।