Donald Trump announces Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ‘पारस्परिक शुल्क’ (Reciprocal Tariffs) लागू करने की घोषणा की है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होगी। इस नीति के तहत, अमेरिका उन देशों पर वही टैरिफ लगाएगा, जो वे अमेरिकी उत्पादों पर लागू करते हैं। ट्रंप ने विशेष रूप से भारत, चीन, यूरोपीय संघ और ब्राजील का उल्लेख करते हुए कहा कि ये देश अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाते हैं, जो अमेरिका के लिए अनुचित है।
Donald Trump says, “India charge us tariffs higher than 100%. Reciprocal taxes start from April 2.”
Meanwhile, Some Countries including China have already announced Retaliatory Tarrifs against US — Can benefit India. pic.twitter.com/zpyWpjtdXb
— Vicky Jaiswal (@vickypshiva) March 5, 2025
पारस्परिक शुल्क: एक परिचय
टैरिफ वह कर या शुल्क है, जो एक देश दूसरे देश से आयातित वस्तुओं पर लगाता है। पारस्परिक शुल्क का मतलब है कि यदि कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आयातित वस्तुओं पर समान दर से शुल्क लगाएगा। ट्रंप ने इसे ‘आंख के बदले आंख, शुल्क के बदले शुल्क’ की नीति के रूप में वर्णित किया है।
भारत पर संभावित प्रभाव
ट्रंप ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहा है, यह इंगित करते हुए कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक शुल्क लगाता है। यदि अमेरिका पारस्परिक शुल्क लागू करता है, तो भारतीय उत्पादों पर अमेरिकी बाजार में उच्च शुल्क लग सकते हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा कठिन हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑटोमोबाइल, कपड़ा और फार्मास्युटिकल्स जैसे क्षेत्रों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ सकता है।
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
पारस्परिक शुल्क की नीति से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ सकता है। अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध की संभावना से वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे निवेश और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया और संभावित कदम
भारत सरकार ने हाल ही में उच्च-स्तरीय मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी कम की है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को लाभ होगा। यह कदम संभवतः अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यदि अमेरिका पारस्परिक शुल्क लागू करता है, तो भारत भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और तनाव आ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक शुल्क नीति वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी व्यापारिक नीतियों की समीक्षा करे और अमेरिका के साथ संवाद स्थापित करे ताकि संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश मिलकर सहयोग करें और व्यापारिक तनाव को कम करने के प्रयास करें।