Emmanuel Macron and Donald Trump: यूक्रेन संकट पर ट्रंप और मैक्रों आमने-सामने – प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही छिड़ी बहस: वॉशिंगटन डी.सी. में आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यूक्रेन को दी जा रही सहायता को लेकर तीखी नोकझोंक देखने को मिली। जब ट्रंप ने यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही वित्तीय मदद पर सवाल उठाया, तो मैक्रों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट किया कि फ्रांस और अन्य यूरोपीय देश यूक्रेन को अनुदान के रूप में सहायता प्रदान कर रहे हैं, न कि ऋण के रूप में।

ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि यूरोपीय देश यूक्रेन को केवल ‘उधार’ दे रहे हैं, जबकि अमेरिका वास्तविक सहायता प्रदान कर रहा है। इस पर मैक्रों ने ट्रंप का हाथ पकड़ते हुए उन्हें रोका और कहा, “नहीं, हम अनुदान दे रहे हैं, जिन्हें वापस नहीं किया जाना है।” इस पर ट्रंप ने हल्की मुस्कान के साथ प्रतिक्रिया दी और वार्ता को आगे बढ़ाया।
'After speaking with President Trump, I believe that there is a path forward. We share the same beliefs.'
— PitunisWorld 🌎 (@ScMesab) February 24, 2025
Macron speaks after his meeting with Trump at The White House, saying they both have the 'desire to see more prosperity in the US and Europe'.
pic.twitter.com/WjWkloLkP1
यह घटना अमेरिका और यूरोप के बीच यूक्रेन संकट पर दृष्टिकोण में अंतर को उजागर करती है। जहां ट्रंप प्रशासन रूस के साथ सीधी वार्ता के माध्यम से समाधान खोजने पर जोर दे रहा है, वहीं यूरोपीय नेता, विशेषकर मैक्रों, यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए ठोस समर्थन की आवश्यकता पर बल दे रहे हैं।
हाल ही में, सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें यूक्रेन में युद्धविराम और संभावित शांति समझौते पर चर्चा की गई। रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में मिलने पर सहमत हुए हैं। हालांकि, आमने-सामने की बैठक की तैयारी में समय लगेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस बैठक को रूस-अमेरिका संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने संकेत दिया कि यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए यूरोपीय शांति सैनिकों की तैनाती पर विचार किया जा सकता है, लेकिन अमेरिकी सैनिक इसमें शामिल नहीं होंगे।
दूसरी ओर, यूरोपीय नेताओं ने ट्रंप प्रशासन की इस पहल पर चिंता व्यक्त की है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने पेरिस में एक आपातकालीन शिखर सम्मेलन बुलाया है, जिसमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर सहित अन्य यूरोपीय नेता शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य यूरोप की सुरक्षा और यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा के लिए संयुक्त रणनीति पर चर्चा करना है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, “यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक पीढ़ी में एक बार आने वाला क्षण है और यह स्पष्ट है कि यूरोप को नाटो में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोप और अमेरिका को यूक्रेन के मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यूरोपीय नेताओं से परामर्श किया जाएगा, लेकिन वे युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होंगे। अमेरिकी विशेष दूत कीथ केलॉग ने कहा, “यह ब्लैकबोर्ड पर चाक की तरह हो सकता है, यह थोड़ा सा कष्टदायक हो सकता है, लेकिन मैं आपको जो ऐसा बता रहा हूं वो वास्तव में काफी सच है।”
इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप प्रशासन के साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रपति ट्रंप की टीम के साथ काम करना शुरू कर दिया है और हम पहले ही देख सकते हैं कि सफलता प्राप्त की जा सकती है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को मिलकर शांति स्थापित करनी चाहिए।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए विभिन्न पक्षों के बीच मतभेद और चुनौतियाँ बनी हुई हैं। जहां एक ओर अमेरिका और रूस के बीच सीधी वार्ता हो रही है, वहीं यूरोपीय नेता और यूक्रेन इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका और सुरक्षा की गारंटी की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन वार्ताओं के परिणामस्वरूप क्षेत्र में स्थिरता और शांति स्थापित हो सकती है, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों के बीच समन्वय और समझ की आवश्यकता होगी।