England vs India test: भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के बीच में बड़ा झटका लगा है। युवा ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी चोटिल होकर पूरी सीरीज़ से बाहर हो गए हैं। यह खबर तब आई है जब टीम पहले ही कई खिलाड़ियों की फिटनेस समस्याओं से जूझ रही है। रेड्डी की अनुपस्थिति से गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों में संतुलन प्रभावित हुआ है, जिसे फिर से स्थापित करने के लिए टीम मैनेजमेंट विकल्पों की खोज में जुट गया है।
Nitish Kumar Reddy ruled out of the England series.#ENGvIND pic.twitter.com/pT34YQpIcj
— CricTracker (@Cricketracker) July 21, 2025
इस स्थिति में यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम किन खिलाड़ियों पर भरोसा जताती है। चर्चा में सबसे आगे हैं कुलदीप यादव, जो एक बार फिर भारत की स्पिन अटैक को मजबूती दे सकते हैं। साथ ही, विकेटकीपिंग को लेकर भी नया समीकरण बनता दिखाई दे रहा है—जहां ऋषभ पंत को केवल बल्लेबाज़ी के लिए खिलाया जा सकता है और विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी ध्रुव झुरेल को दी जा सकती है।
नितीश रेड्डी की चोट मामूली नहीं है। उनके घुटने में गंभीर लिगामेंट की चोट आई है, जिससे उबरने में उन्हें कुछ हफ्तों का समय लग सकता है। टीम इंडिया के मेडिकल स्टाफ के मुताबिक, वह इस सीरीज़ के किसी भी बचे हुए मुकाबले में फिट नहीं हो पाएंगे। रेड्डी न सिर्फ एक उभरते हुए तेज़ गेंदबाज़ हैं, बल्कि निचले क्रम में आक्रामक बल्लेबाज़ी करने की क्षमता भी रखते हैं। उन्होंने हालिया घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह बनाई थी और उन्हें भविष्य का भरोसेमंद ऑलराउंडर माना जा रहा था।
रेड्डी के बाहर होने के बाद सबसे ज़्यादा संभावना कुलदीप यादव की वापसी की है। कुलदीप एक चाइनामैन स्पिनर हैं और उनके पास टेस्ट क्रिकेट का अच्छा अनुभव है। उन्होंने पिछली कुछ सीरीज़ में प्रभावशाली प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं और प्रशंसकों का भरोसा जीता है। कुलदीप न केवल गेंद से, बल्कि बल्ले से भी टीम को गहराई प्रदान कर सकते हैं। अगर मैनचेस्टर की पिच स्पिनरों को मदद देती है, तो रविंद्र जडेजा और कुलदीप की जोड़ी इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
ऋषभ पंत की फिटनेस पूरी तरह से वापसी की स्थिति में नहीं है। टीम मैनेजमेंट यह सोच रहा है कि उन्हें केवल बल्लेबाज़ी में उतारा जाए ताकि वह ज़्यादा फोकस के साथ रन बना सकें। दूसरी ओर, झुरेल को विकेट के पीछे की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में कीपिंग में काफी भरोसा दिखाया है। इस तरह का संयोजन पंत को चोट से पूरी तरह उबरने का मौका देगा, साथ ही झुरेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की एक अहम परीक्षा मिलेगी।
रेड्डी के बाहर होने से टीम की गेंदबाज़ी में थोड़ा बदलाव अनिवार्य हो गया है। अब तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण में बुमराह, सिराज और शार्दुल ठाकुर की तिकड़ी देखने को मिल सकती है। स्पिन में जडेजा के साथ कुलदीप को शामिल किया जा सकता है। बल्लेबाज़ी क्रम में शुबमन गिल और यशस्वी जायसवाल की सलामी जोड़ी बनी रह सकती है, जबकि मिडिल ऑर्डर में राहुल, कोहली और पंत की तिकड़ी को मजबूती देने की उम्मीद है। झुरेल को नंबर 6 या 7 पर उतारा जा सकता है, जहां वे बैट और ग्लव्स दोनों से योगदान दे सकें।
अगला टेस्ट मैनचेस्टर में खेला जाएगा, जहां की पिच आमतौर पर तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनरों दोनों को मदद करती है। भारत को वहां संयम और सटीक रणनीति के साथ उतरना होगा। कुलदीप की विविध स्पिन और शार्दुल की स्विंग दोनों कारगर साबित हो सकती हैं। सीरीज़ फिलहाल बराबरी पर है और मैनचेस्टर टेस्ट एक निर्णायक मोड़ बन सकता है। भारत के लिए यह परीक्षा होगी कि वह दबाव में बेहतर संयोजन के साथ मैदान में उतरकर विपक्ष को मात दे सके।
नितीश कुमार रेड्डी का बाहर होना निश्चित ही निराशाजनक है, लेकिन टीम के लिए यह नए प्रयोग और संतुलन स्थापित करने का मौका भी है। कुलदीप यादव, ध्रुव झुरेल और ऋषभ पंत की नई भूमिकाएं टीम को एक ताजगी और गहराई प्रदान कर सकती हैं। भारत की टीम एक संक्रमण के दौर में है, जहां युवा खिलाड़ियों को मौका देकर ही भविष्य की नींव रखी जा सकती है। यदि कोच और कप्तान मिलकर इस चुनौती को अवसर में बदलने में सफल होते हैं, तो यह सीरीज़ भारतीय टीम के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।
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